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जी एस टी विभाग के तुगलक शाही आदेश के खिलाफ काउन्सिल आफ उद्योग व्यापार मंच ने भेजा ज्ञापन

 


सुलतानपुर । काउंसिल ऑफ उद्योग व्यापार मंच (राष्ट्रीय पंजीकृत ) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी पी गुप्ता द्वारा एक ज्ञापन वाणिज्य कर आयुक्त व मुख्य मंत्री उ प्र, वित्त मंत्रालय भारत सरकार व प्रधानमंत्री भारत सरकार को जरिये ईमेल भेजा गया।  उद्योग व्यापार मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी पी गुप्ता ने ज्ञापन में कहा कि उ प्र में वाणिज्य कर विभाग ने व्यापारियों का बड़े पैमाने पर सर्वे करने का निर्देश अधिकारियों को जारी किया है, जिसका समस्त व्यापारी समुदाय  विरोध करता है । व्यापारी समुदाय ने 1980 में बिक्री कर के सर्वे का विरोध किया था, उसके बाद वैट के सर्वे का विरोध और अब जी0एस0टी0 के सर्वे का विरोध कर रहे हैं क्योंकि इसकी आड़ में व्यापारियों का आर्थिक शोषण व उत्पीड़न होता है।  इन वर्षो मे यह प्रमाणित हो चुका है कि सर्वे से विभाग का राजस्व नही बढ़ता है और इसी आधार पर जनरल सर्वे और विशेष अनुसंधान सर्वे के शाखाओ पर तमाम सरकारों ने रोक लगा दी थी, जिसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था।1 जुलाई 2017 मे जी.एस.टी. लगा तब से व्यापारी समुदाय प्रत्येक वर्ष बढ़ाकर राजस्व दे रहा है, और कोई सर्वे भी नही हो रहे है। इस तरह का आदेश पढ़ कर के व्यापारियों सहित व्यापार मंच के सभी पदाधिकारियो को आश्चर्य हुआ कि विभाग न केवल एस.आई. बी. का सर्वे करने का आदेश दे दिया बल्कि प्रत्येक यूनिट को 10 सर्वे करने का कोटा भी निर्धारित कर दिया।यह आदेश अप्रजातांत्रिक और अव्यवहारिक है। पिछली किसी भी सरकार या अधिकारी के द्वारा सर्वे का कोटा निर्धारित नही किया था। व्यापारी समुदाय 1980 से निरन्तर सर्वे का पक्षधर नही रहा है। सर्वे से सरकार का राजस्व नही बढ़ता है बल्कि अधिकारियो के जेब का कमाई जरूर बढ़ जाती है और इसी कारण पिछली सरकार व अधिकारियों द्वारा सर्वे का कोई आदेश प्रसारित नही किया गया।सर्वे करने से विभाग और व्यापारी समाज में तनाव और संघर्ष बढ़ता है । व्यापारी हर प्रकार के सर्वे का विरोध निरन्तर करता रहा है ।  हालांकि इस वर्ष निश्चित ही राजस्व कुछ कम आया होगा क्योकि कोरोना वायरस महामारी के कारण लाॅकडाउन समय मे कारोबार और दुकाने पूर्णतः बन्द रही है। इस लाक डाउन में व्यापारियों का भी भारी नुकसान हुआ है कारोबार में भारी गिरावट आयी है। इस विपदा की घड़ी में व्यापारियों के साथ सहानुभूति के साथ व्यहार होना चाहिए न कि उनके खिलाफ किसी प्रकार का उत्पीड़नकारी कार्यवाही। कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरे प्रदेश के व्यापारी मुसीबत में हैं ऐसे में सर्वे की कार्यवाही व्यापारियों के मानवाधिकार का हनन साबित होगा।उद्योग व्यापार मंच का लम्बे समय से निर्णय चल रहा है कि हम सर्वे नही कराएंगे। सर्वे होने से व्यापारी समुदाय हतोत्साहित होगा जिससे प्रदेश की आर्थिक विकास बाधित होगा। काउन्सिल आफॅ उद्योग व्यापार मंच ने तत्काल उक्त आदेश को वापस लेने की मांग किया है, जिससे व्यापारियों के आर्थिक शोषण व उत्पीड़न से बचाया जा सके।इस अवसर पर जिला संयोजक सुरेश सोनी, जिला महामंत्री कुलदीप गुप्ता, जिला संरक्षक अशोक कुमार कसौधन, जिला उपाध्यक्ष प्रशान्त शरण श्रीवास्तव, जिला संगठन मंत्री अरविंद कुमार द्विवेदी, नगर प्रभारी विजय कुमार टन्डन, नगर महामंत्री छवि गुप्ता, अशोक गुप्ता दिव्या, शिवाकांत पांडेय आदि मौजूद रहे ।

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