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कानपुर अपहरण केस में सीएम ने की कार्रवाई चार पुलिस अधिकारी सस्पेंड


लखनऊ।कानपुर में लैब टेक्निशियन संजीत यादव के अपहरण के बाद हत्या के मामले में यूपी सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। शासन ने कानपुर में तैनात आईपीएस  अफसर अपर पुलिस अधीकक्षक दक्षिण कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन सीओ मनोज गुप्ता, पूर्व एसओ थाना बर्रा रंजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। बर्रा पांच निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव 22 जून की देर शाम से लापता था। दो दिन तक संजीत का कोई सुराग न लगने पर परिजनों ने अपहरण की आशंका जताई। आरोप लगाया कि बेटी रुचि से शादी तोड़ने पर बर्रा विश्व बैंक कॉलोनी के राहुल यादव ने बेटे का अपहरण किया। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्जकर आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल। इस दौरान 29 जून को अपहृर्ताओं ने 30 लाख रुपए की फिरौती के लिए पहली बार कॉल की। आरोप है कि परिवार के जानकारी देने के बाद भी पुलिस का रवैया ढुलमुल रहा। 11 जुलाई तक अपहर्ताओं ने परिजनों को फिरौती के लिए 21 कॉल्स कीं। परिजनों ने पुलिस निगरानी में 13 जुलाई को फिरौती के 30 लाख रुपए गुजैनी पुल से फेंककर अपहृर्ताओं को दिए थे। अपहर्ता रकम लेकर फरार हो गए और पुलिस ताकती रही। मामला तूल पकड़ने पर अगले दिन एसएसपी ने इंस्पेक्टर रणजीत राय को निलंबित कर दिया और सर्विलांस सेल के प्रभारी हरमीत सिंह को बर्रा का चार्ज दिया। सर्विलांस, स्वॉट, क्राइम ब्रांच को मामले के खुलासे में लगाया गया। गुरुवार को दिनभर हत्या और चार अपहृताओं के गिरफ्तारी की जानकारी पुलिस छिपाए रही। मामले के सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने पर देर रात दो बजे एसएसपी ने खुलासा किया। बताया कि संजीत के साथ काम करनेवाले पनकी निवासी कुलदीप ने अपहरण की साजिश रची थी। उसके साथ कल्याणपुर की महिला सहित सात लोग शामिल थे। कुलदीप, महिला और सचेंडी के दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपितों ने खुलासा किया कि 26 जून को ही संजीत की हत्याकर शव पांडु नदी में फेंक दिया था।

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