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पत्रकार ही हर पीडित की आवाज है


सुल्तानपुर/अमेठी।समाचार पत्र आम जनता के बीच विश्वास का प्रतीक हैं,लोगों की विश्वसनीयता कायम रहे यह दायित्व भी पत्रकारों के ही कंधे पर है। इसके लिए पत्रकार सजग रहें। उक्त वक्तव्य हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकार एशोसिएशन की ओर से आयोजित आन लाइन बेवीनार को संबोधित करते हुए एक साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक डा अर्जुन पाण्डेय ने दिये हैं।कार्यक्रम का शुभारंभ भगवती सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।बेवीनार में एक हिन्दी दैनिक के संपादक अनुपम दीक्षित ने कहा कि पत्रकार संगठन पत्रकारों की समस्या को शासन के समक्ष रखें, लाक डाउन में पत्रकारों के समक्ष चुनौतियां और समस्या दोनों बढी है।डा धनंजय सिंह ने कहा कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। पत्रकार ही हर पीडित की आवाज है।
यह आवाज़ हमेशा बुलंद रहे, इसी में लोकतंत्र का हित है। जितेन्द्र श्रीवास्तव ने पत्रकारों को नैतिकता का पाठ पढाया।अपने अध्यक्षीय संबोधन में डा अवधेश शुक्ल ने पत्रकारों के हित में सदैव संघर्षरत रहने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम को ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह, हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के संयोजक अम्बरीश मिश्र ने हिन्दी पत्रकारिता के लंबे इतिहास को बताते हुए प्रथम हिंदी समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड और पंडित युगल किशोर शुक्ल को याद करते हुए उनके सिद्धांत का अनुसरण कर साख के संकट से बचने की अपील की। कार्यक्रम के उत्तरार्ध में संगठन की ओर से प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी हुआ। बेवीनार में  हरीश त्रिवेदी,संजीव भारती, ललित कुमार, नवीन शर्मा, शिवम तिवारी,डा अभिमन्यु पाण्डेय,नवीन शर्मा,शिवकुमार दुबे,मोनू श्रीवास्तव,अशोक मिश्रा,सुनील भटनागर व आशीष मिश्रा आदि शामिल हुए।

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