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केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान में आउटरिच कार्यक्रम सम्पन्न




लखनऊ /इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) -2019 के तहत, 31 अक्टूबर 2019 को केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान  (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) में एक आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के 500 से अधिक छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य अतिथि डॉ वी पी कंबोज, पूर्व निदेशक, सीडीआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ ने कहा, विज्ञान ने बेहतर जीवन स्तर के लिए समाज को नई दिशाएँ दी हैं और वैज्ञानिक हस्तक्षेपों के कारण ही आज हमारा जीवन इतना आसान हो चुका है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सोमदेव भारद्वाज ने कहा कि नवाचार और विज्ञान को समाज से जोड़ने की नितांत आवश्यकता है और इस तरह के आयोजनों से शोधकर्ताओं, आविष्कारकों और आम आदमी को एक साथ आने का एक अनूठा मंच मिल रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सफल जीवन की तुलना में सार्थक जीवन अधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए आने वाली पीढ़ी को अपने करियर की योजना इस तरह से बनानी चाहिए ताकि वे समाज के लिए अधिक प्रासंगिक हो सकें।
सीएसआईआर-सीडीआरआई वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिभागियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक एवं स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर लोकप्रिय व्याख्यान दिए गए। डॉ अनिल गायकवाड़ ने "स्वस्थ जीवन शैली और चयापचय संबंधी विकारों" के बारे में बात की, डॉ पीएन यादव ने युवा आबादी में मनोदशा संबंधी विकारों पर चर्चा की और डॉ दिब्येंदु बनर्जी ने "जीन और कैंसर" के बारे में जानकारी दी और कैंसर के कारणों और परिणामों पर चर्चा की और साथ ही बताया कि खुद को कैसे इस जानलेवा बीमारी से बचाएं।
इस अवसर पर स्थानीय जमीनी स्तर के अन्वेषक व शोधकर्ताओं को, जिन्होंने इनोवेशन एवं विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करके समाज में इसे लोकप्रिय बनाते हुए राज्य और राष्ट्र स्तर पर अपनी पहचान बनाई है उन्हें नवप्रवर्तक, विज्ञान शिक्षक, विज्ञान पत्रकार, सरकारी/ गैर सरकारी संगठन के रूप में सम्मानित किया गया। जिसमें राधेश्याम पाण्डेय को नवप्रवर्तक व सुशील द्विवेदी को विज्ञान शिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया। साथ ही छात्रों ने वाद-विवाद, चित्रकला और विज्ञान मॉडल प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

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