ब्रेकिंग न्यूज

कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से बालिकाओं का होगा विकास- सी इंदूमती


महिला सशक्तिकरण के कार्यों को अधिकारीगण दें प्राथमिकता

सुलतानपुर /, जिलाधिकारी  सी0 इन्दूमती ने बताया कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के लिये लगातार कार्य कर रही है और महिला सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध भी है। महिला सशक्तिकरण को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा 01 अप्रैल, 2019 से  कन्या सुमंगला योजना को प्रदेश में लागू किया गया है। कन्या सुमंगला का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना एवं सामान्य लैगिंक अनुपात स्थापित करना, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकना एवं बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देना, बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने में सहायता प्रदान करना, बालिका के जन्म के प्रति समाज में साकारात्मक सोंच विकसित करना है।
जिलाधिकारी ने बताया कि महिला सशक्तिकरण को दृष्टिगत रखते हुए जन सामान्य कन्या सुमंगला योजना में लाभ लेने के लिये लाभार्थी के परिवार उ0प्र0 का निवासी होना चाहिए तथा उसके पास स्थायी निवास प्रमाण पत्र हो, जिसमें राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर पहचान पत्र, विद्युत, टेलीफोन का बिल मान्य है। उन्होंने बताया कि लाभार्थी के परिवार की वार्षिक आय अधिकतम रू0 3 लाख होनी चाहिये। किसी परिवार की अधिकतम दो बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा। किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चा होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी महिला को पहले प्रसव में बालिका है व द्वितीय प्रसव में दो जुड़वा बालिकाएं ही होती हैं, तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया है, तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप से गोद लिये गये संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम दो बालिकाएं इस योजना की लाभार्थी होंगी।
उन्होंने बताया कि कन्या सुमंगला योजना के तहत बालिका के जन्म होने पर रू0 2000/-, बालिका के एक वर्ष तक पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त रू0 1000/-, कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश लेने के उपरान्त रू0 2000/-, कक्षा 6 में बालिका के प्रवेश लेने के उपरान्त रू0 2000/-, कक्षा 9 में बालिका के प्रवेश लेने के उपरान्त रू0 3000/- तथा ऐसी बालिकाएं, जिन्होंने कक्षा 12वीं उत्तीर्ण कर के स्नातक अथवा दो वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश में लिया हो, तो रू0 5000/- एकमुश्त प्रदान किया जायेगा। लाभार्थियों को योजना के अन्तर्गत देय धनराशि पीएफएमएस के माध्यम से उनके खाते में सीधे हस्तानान्तरित की जायेगी। प्राथमिक रूप में आवेदन ऑनलाइन माध्यम से स्वीकार किया जायेगा यद्यपि ऐसे आवेदक जो ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने में सक्षम नहीं हैं। वे ऑफलाइन आवेदन खण्ड विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी, जिला परिवीक्षा अधिकारी/उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा कर सकते हैं। आवेदन का प्रारूप विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है। 

कोई टिप्पणी नहीं