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यूपी में 15 से 30 जुलाई तक वृहद अभियान चलाकर प्रदेश की सभी गौशालाओं का निरीक्षण


लखनऊ उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री  धर्मपाल सिंह ने कहा कि 15 से 30 जुलाई तक वृहद अभियान चलाकर प्रदेश की सभी गौशालाओं का गहन निरीक्षण किया जाए। निरीक्षण के दौरान गौशालाओं हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे-चारा, भूसा, प्रकाश, पानी, विद्युत, वर्षा से बचाव, गौवंश के बैठने हेतु स्थान, औषधियां एवं अन्य सभी पर्याप्त व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाए। निरीक्षण हेतु विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गौशालाओं में जाए और जहां कहीं कोई भी कमी या समस्या हो उसका तत्काल निराकरण किया जाए। वर्षा ऋतु में गौवंश के सड़को पर आने की संभावना ज्यादा बनी रहती है इसलिए रेडियम बेल्ट अभियान में तेजी लाई जाए। धर्मपाल सिंह ने यह निर्देश आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक के दौरान दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वृक्षारोपण अभियान के तहत 7.26 लाख पौधरोपण का लक्ष्य को पूरा किया जाए और जहां-जहां गौशालाओं में पेड़ लगाए जाए वहां ट्री गार्ड भी अनिवार्य लगाया जाए और इसके लिए जिला प्रशासन का सहयोग लिया जाए। मनरेगा के माध्यम से गौशालाओं में चबूतरों का भी निर्माण कराया जाए। ईयर टैगिग के कार्य को भी अधिकारी पूरी गंभीरता से करे और इसके लिए भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।श्री सिंह ने कहा कि गोवंश को बीमारियों से बचाव हेतु टीकाकरण कार्य को प्राथमिकता दी जाये। टीकाकरण शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराया जाए। दवाओं की कोई कमी न हो और दवाओं की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। भूसे का प्रबंधन व्यवस्थित रूप से किया जाए। कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्री सिंह ने कहा कि निराश्रित गौवंश का संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश के 7606 गौआश्रय स्थलों में संरक्षित 1236249  निराश्रित गोवंश का भरण-पोषण किया जा रहा है। श्री सिंह ने कहा कि चारागाह की जमीनों को कब्जामुक्त कराकर हरा चारा बोया जाए।बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास के प्रमुख सचिव  अमित कुमार घोष ने मंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्हांने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वर्षाऋतु के दृष्टिगत गोआश्रय स्थलों में जल भराव न होने पाये और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की जाए। गोशालाओं में मृत गोवंश के शव का तत्काल समुचित निस्तारण होना चाहिए, ताकि अन्य गोवंश में कोई संक्रमण न फैलने पाये।

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