मधुमक्खी पालन प्रोत्साहन के लिए यूपी सरकार दे रही निःशुल्क प्रशिक्षण एवं अनुदान
लखनऊ यूपी की योगी सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण तथा अनुदान दिया जा रहा है। विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का उद्देश्य मधुमक्खी पालन को व्यापक रूप से प्रोत्साहित करना है, ताकि लोग इस व्यवसाय में आत्मनिर्भर बन सकें और अपने आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकें। यह बात विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कही। उन्होंने इस अवसर पर मौन पालकों तथा किसानों को शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में शहद उत्पादन लगभग 24 हजार मिट्रिक टन है और प्रदेश के सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी आदि प्रमुख शहद उत्पादक जिले हैं। जनपद सहारनपुर एवं रायबरेली में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर हनी की स्थापना की जा रही है।संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ. भानु राम ने बताया कि विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर अधीक्षक राजकीय उद्यान आलमबाग लखनऊ के प्रांगण में स्थित किसान प्रशिक्षण केंद्र पर मनाया गया, जिसमें किसानों को और मौनपालकों को प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन से फसलों में पर परागण द्वारा 25 से 30 प्रतिशत पैदावार बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के चार केन्द्रों प्रयागराज, सहारनपुर, बस्ती एवं मुरादाबाद एवं 12 उप केंद्रों पर दीर्घकालिक (90 दिवसीय) व अल्पकालिक (45 दिवसीय), आकस्मिक (6 दिवसीय) मौनपालन प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान किया जाता है, प्रशिक्षार्थियों को रहने और खाने की व्यवस्था स्वयं करनी होती है। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है, और इसमें पुरुष और महिलाएं सभी वर्ग के अभ्यर्थी हिस्सा ले सकते हैं। इच्छुक व्यक्ति अपने नजदीकी औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र से संपर्क कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर सकते हैं।संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ0 राजीव वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण के साथ-साथ सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 50 मौनवंशों की एक यूनिट की मधुमक्खी पालन इकाइयों की स्थापना पर 40 प्रतिशत यानि अधिकतम 88 हजार रुपये अनुदान भी प्रदान कर रही है, जिससे मधुमक्खी पालन व्यवसाय को और प्रोत्साहन मिल रहा है। मौनपालन कर शहद के साथ-साथ पालेन, प्रोपोलिस, मॉम एवं बी वैनम की बिक्री से भी अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है।इस अवसर पर उपसचिव उद्यान एवं प्रबंध निदेशक हाफेड विनय कुमार, उपनिदेशक लखनऊ डीके वर्मा, अधीक्षक राजकीय उद्यान डॉ. जयराम वर्मा सहित प्रगतिशील किसान, मौनपालक उपस्थित रहे।
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