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यंगस्टर्स में बढ़ रही कमर दर्द की समस्या


उत्तर प्रदेश समेत पूरा देश क्रॉनिक बैक पेन की गंभीर समस्या से जूझ रहा हैं। हालात इस कदर बिगड़े हैं कि देश मे हर 5वां आदमी इसकी चपेट में हैं। विशेषज्ञों की माने तो यंगस्टर्स भी तेजी से इसके जद में आ रहे हैं।वही रिसर्च के मुताबिक हालिया दिनों में यह बड़ा सोशल हेल्थ इशू बनकर उभरा और नॉन कम्युनिकेबल डिसीज की कैटेगरी में दुनियाभर में हॉस्पिटल या डॉक्टर विजिट के पीछे 20 से 30% तक इसकी हिस्सेदारी हैं। बता दें कि दर्द जब लगातार 3 महीने से ज्यादा समय तक रहे तो इसे क्रॉनिक की कैटेगरी में रखा जाता हैं।चिंताजनक बात यह भी हैं कि इन मरीजों में बड़ी तादाद युवाओं की हैं। अब 30's या 40's उम्र के लोगों को यह अपने चपेट में ले रहा हैं। हालांकि अच्छी बात यह हैं कि इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता हैं, बशर्ते उपचार और एक्सरसाइज पर समय से ध्यान दिया जाए।लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के बैक पेन विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ.अनुराग अग्रवाल कहते हैं कि कोरोना जैसी बड़ी महामारी के कारण देश दुनिया में गंभीर संकट बनकर उभरा यह बैक पेन अब और गहरा रहा हैं। इसकी जद में आने के बाद बहुत सारे लोग घर तक सीमित हो चुके हैं। उनकी वर्किंग लाइफ और नार्मल लाइफ दोनों ही थम सी गई हैं। ऐसे हालात में इसका उपचार और जरूरी हो गया हैं।लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जीपी गुप्ता के मुताबिक बदलते दौर में लाइफ स्टाइल कुछ ऐसी हो गई हैं कि सूर्य की रोशनी शरीर को ठीक से नहीं मिल पाती है। ऐसे में शरीर में विटामिन डी समेत दूसरे तत्वों की कमी हो जाती है इससे कमर दर्द  की समस्या गंभीर हो जाती है। समय पर जांच, दवा, कसरत और जीवनशैली में सुधार कर समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।सबसे अहम बात यह हैं कि लक्षणों को पहचान कर समय रहते इनका उपचार बेहद जरूरी हैं। अच्छा होगा कि किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से ही परामर्श लें।

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