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डिप्टी सीएम बृजेश पाठक अचानक प्रयागराज के बेली हॉस्पिटल पहुंचे


उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सोमवार सुबह अचानक प्रयागराज के तेज बहादुर सप्रू (बेली) हॉस्पिटल पहुंचे। यहां वार्ड से लेकर ऑफिस तक में गंदगी देखकर उपमुख्यमंत्री ने अफसरों को फटकार लगाई। इस दौरान उन्होंने खोज-खोजकर धूल मिट्टी साफ की। फिर एक अलमारी के ऊपर से धूलभरी फाइलें निकालकर पूछा- क्या इसकी भी जिम्मेदारी मेरी है अस्पताल की सफाई से नाराज होकर उन्होंने सफाई एजेंसी का एक दिन का पेमेंट होल्ड करा दिया।

साथ ही एक्स-रे, प्लास्टर कक्ष, लेबोटरी कक्ष में ताला बंद होने पर सीएमएस से नाराजगी जाहिर की।सबसे पहले उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ट्रामा सेंटर के जनरल वार्ड पहुंचे। यहां भर्ती मरीजों से पूछा कि आपको समय पर इलाज मिल रहा है। कहीं कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। मरीजों से पॉजिटिव जवाब मिलने के बाद वो सीधे इमरजेंसी रजिस्ट्रेशन काउंटर कक्ष में पहुंच गए। वहां बैठे कर्मचारी के पास गंदगी दिखी तो वह नाराज हो गए।अलमारी के ऊपर रखे सामान को खुद ही उठाकर कर्मचारी से सवाल किया कि यहां इसकी आवश्यकता क्या है टेबल और अलमारी पर उंगली रखकर चेक किया तो उंगली में धूल मिट्‌टी लग गई।

इस पर उन्होंने कहा- यह सफाई की जिम्मेदारी क्या हमारी है जो भी सफाईकर्मी या इसके लिए जिम्मेदार है उसका आज का वेतन काटा जाए। ट्रामा सेंटर के शौचालय में घुस गए वहां भी गंदगी देखी तो सीएमएस को निर्देशित किया कि यह बड़ी लापरवाही है इसे तत्काल सही करा लें।ट्रामा सेंटर के फार्मासिस्ट कक्ष में ताला लगा था। उन्होंने तत्काल कक्ष खोलने को कहा। पूछा कि फार्मासिस्ट कहां हैं वहां मौजूद फार्मासिस्ट सुरेंद्र दूर खड़े थेउपमुख्यमंत्री  ने कहा नजदीक आओ और बताओ कि इसमें ताला क्यों बंद है? कितने बजे अस्पताल पहुंचते हो। फार्मासिस्ट संतोषजनक जवाब नहीं दे सका, इस पर उन्होंने फार्मासिस्ट को फटकार लगाई।जब वो ब्लड बैंक में प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के कक्ष में पहुंचे तो वहां भी उन्हें गंदगी मिली, इस पर उन्होंने फटकार लगाई। उन्होंने सीएमएस  से कहा कि इस अव्यवस्था को ठीक करा लें अगली बार कड़ी कार्रवाई होगी। रजिस्ट्रेशन काउंटर और अन्य कक्ष में गंदगी मिलने पर उन्होंने संबंधित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया।उपमुख्यमंत्री  ने रविवार को ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोई भी सरकारी डॉक्टर बाहर की दवा न लिखे।

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