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महिला एडीएम की रैंप पर कैटवॉक

ताज महोत्सव के सातवें दिन भारत में लुप्त होते फैब्रिक का जलवा दिखा। भारत में बुनकरों की लुप्त होती कला कच्छ का काला कॉटन, हरियाणा रेजा और झारखंड का पंछी एंड परहन जैसे फ्रैब्रिक को प्रोत्साहित करने के लिए मॉडल रैंप पर उतरे।गाजियाबाद की एडीएम रितु सुहास ने रैंप वॉक पर जलवा बिखेरा। उनका स्टाइल और अदाएं देखकर शो में मौजूद लोग तालियां बजाने के लिए मजबूर हो गए। एडीएम ने एसिड अटैक सर्वाइवर सोनिया चौधरी के साथ बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए रैंप किया। रितु ने साल 2019 में मिसेज इंडिया का खिताब जीता था। वह कई फैशन शो में पहले भी शामिल हुई हैं।

रितु ने साल 2019 में मिसेज इंडिया का खिताब जीता था। वह कई फैशन शो में पहले भी शामिल हुई हैं।बुनकरों ने बताया कि कच्छ में काला कॉटन के लिए रुई की खेती करने से लेकर फैब्रिक बनाने तक के सभी काम बुनकर करते हैं। वहीं झारखंड में आदिवासी क्षेत्र के लोग शुभ अवसरों पर पंछी एंड परहन फैब्रिक के बने परिधान पहनते हैं। रेजा फ्रैब्रिक रोहतक के कैदियों ने तैयार किया है।वर्ल्ड डिजाइनिंग फोरम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में फैशन शो में देशभर से आए करीब 150 मॉडल रैंप पर उतरे। मुक्ताकाशी मंच पर फैशन के दौरान भारतीय परम्परा, संस्कृति के साथ कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक का फैशन और बुनकरों की कलात्मकता का प्रदर्शन किया गया। वर्ल्ड डिजाइनिंग फोरम के सीईओ अंकुश अमानी ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि फैशन शो में परिधानों के फ्रैब्रिक भारत की करीब 5 हजार पुरानी परम्परा है, जो अब लुप्त हो रही है।बता दें कि रितु पीसीएस अफसर हैं। वह फैशन की दुनिया का भी जाना-माना नाम हैं। उन्होंने साल 2019 में मिसेज इंडिया का खिताब भी जीता था। इससे पहली भी वह कई मौकों पर खादी के कपड़ों को प्रमोट करती दिखीं हैं। खादी से बनी ड्रेस में वह कई फैशन शोज में हिस्सा ले चुकी हैं। रितु सुहास के पति सुहास एल वाई IAS अफसर हैं। सुहास एलवाई और ऋतु सुहास के दो बच्चे हैं।मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि फैशन शो का आयोजन कला और संस्कृति को बचाए रखने के लिए जरूरी है। ऐसे आयोजनों से हमारी संस्कृति का संरक्षण होता है। 

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