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फरवरी-मार्च में खूब छूटेंगे पसीने

 


दिल्ली समेत देश भर में आने वाले वक्त में गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। फरवरी की तरह ही मार्च का महीना भी गर्म रहने वाला है।मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत  का कहना है कि इस बार गर्मी जल्दी शुरू हो गई है।पहाड़ों में बर्फबारी कम होने की वजह से ऐसा हो रहा है। इस बार फरवरी की बारिश भी नहीं हो रही है। जबकि पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवा को भी लगातार बन रहे पश्चिमी विक्षोभ  ने रोक रखा है। बहरहाल उत्तर भारत में बारिश करने वाले इन पश्चिमी विक्षोभ का दिल्ली में कोई असर नहीं है। जबकि दक्षिण-पश्चिम से गर्म हवा लगातार आ रही है। जिसमे गर्मी बढ़ रही है।महेश पलावत ने कहा कि इस बार पछुआ हवाओं  के आने में देरी हो रही है। अगर इस समय पहाड़ों पर बर्फबारी होती तो उत्तर से चलने वाली हवाओं से मौसम ठंडा होता।मगर फिलहाल गर्मी से राहत मिलने की कोई भी उम्मीद नहीं है।मार्च का महीना भी बहुत गर्म रहेगा। पलावत ने कहा कि इस लगातार बढ़ती गर्मी से फसलों को नुकसान होगा। खासकर सरसो और गेहूं की फसलों की उपज कम होने का खतरा है। पलावत ने कहा कि अभी निश्चित तौर पर कुछ कहना मुश्किल है पर जो हालात दिख रहे हैं उससे तो लगता है कि फरवरी और मार्च महीने सामान्य से बहुत गरम रहेंगे।किसानों का कहना है कि गेहूं की बालियों में दाना कमजोर पड़ रहा।अगर अगले 10 दिनों तक दिन और रात के तापमान में ऐसे ही बढ़ोत्तरी होती रही तो फिर बालियों में दाना और कमजोर बनेगा।किसानों के मुताबिक अगर इसी तरह धूप तेज होने के साथ गर्मी बढ़ती रही तो निश्चित तौर पर फसलों पर असर पडेगा। तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी होने से दाना पतला हो जाएगा।जिससे सीधे तौर पर उत्पादन में कमी आ सकती है।फसलों की जरूरत के मुताबिक इस साल अधिक समय तक सर्दी नहीं पड़ी।ऐसे में हालात यह है कि फरवरी माह में गर्मी मार्च का एहसास करा रही है।सुबह हल्की सर्दी होने के साथ तेज धूप निकलने पर गर्मी का असर पूरे दिन बना रहता है।

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