टेंशन और तनाव की वजह से भी कम उम्र में सफेद हो सकते हैं बाल


आजकल हर जगह आपको ऐसे युवा और बच्चे दिखाई दे जाएंगे जिनके बेहद कम उम्र में बाल सफेद  हो गए हैं। कुछ दशक पहले तक बुजुर्गों के बाल सफेद होते थे, लेकिन वर्तमान समय में यह परेशानी कम उम्र में ही लोगों को शिकार बना रही है। ऐसा अधिकतर लोगों के साथ हो रहा है और यह परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है।क्या आप जानते हैं कि अत्यधिक तनाव  और टेंशन  लेने से भी कम उम्र में बाल सफेद हो सकते हैं। सुनकर हैरान हो रहे होंगे लेकिन यह बात पूरी तरह सही है।आज डर्मेटोलॉजिस्ट से जानेंगे कि युवाओं और बच्चों के बाल किन वजहों से सफेद हो रहे हैं और इस परेशानी से किस तरह बचा जा सकता है।
डर्मेटोलॉजिस्ट की मानें तो अत्यधिक स्ट्रेस और टेंशन लेने की वजह से भी बाल सफेद होने की समस्या हो सकती है। अगर आप स्ट्रेस और टेंशन को मैनेज कर लें तो टेंशन से सफेद हुए बाल दोबारा काले भी हो सकते हैं।हालांकि ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता है. एक बार बाल सफेद हो जाएं तो उन्हें पहले की तरह काला करना संभव नहीं होता लेकिन दवाओं से बाकी बालों को सफेद होने से बचाया जा सकता है। सभी को कोशिश करनी चाहिए कि तनाव को मैनेज किया जाए, ताकि बालों की प्रॉब्लम को अवॉइड किया जा सके।डर्मेटोलॉजिस्ट के मुताबिक कम उम्र में बाल सफेद होने के लिए डीएसएच हार्मोन, थायराइड डिसऑर्डर और विटामिन B12 डिफिशिएंसी का टेस्ट कराया जा सकता है। विटामिन B12 डिफिशिएंसी पैरासिटिक इंफेक्शन की वजह से हो सकती है।ध्यान रखने वाली बात यह है कि एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद ही टेस्ट कराने चाहिए।कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. युगल राजपूत कहते हैं कि आज के दौर में बच्चों और युवाओं के बाल तेजी से सफेद हो रहे हैं।इस परेशानी को प्रीमेच्योर ग्रेइंग कहते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह लोगों के शरीर में पोषक तत्वों की कमी  लंबे समय से चली आ रही बीमारी  होती है। इसके अलावा भी कई कारणों से बाल कम उम्र में ही सफेद हो सकते हैं। सबसे जरूरी होता है कि आप सही वक्त पर बाल सफेद होने की कमी का पता लगाएं और एक्सपर्ट से मिलकर उसका सही इलाज कराएं।

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