KGMU के चिकित्सकों ने आंत काटकर बनाया जननांग
लखनऊ रिंकी (काल्पनिक नाम) अब अपने भविष्य को लेकर निश्चिंत है क्योंकि 6 माह बाद शादी कर वह अपने पिया के घर राजी-खुशी जा सकेगी। उसकी समस्या का समाधान किया है KGMU के यूरोलॉजी विभाग के प्रो. विश्वजीत सिंह और उनकी टीम ने। दरअसल इस टीम ने रिंकी की आंत के टुकड़े से उसके शरीर में जननांग बना दिया है, जो पहले नहीं था। हरदोई की 20 साल की रिंकी (काल्पनिक नाम) है तो महिला पर उसका जननांग नहीं था। शादी तय हो गई थी। ऐसे में पति साथ रखेगा इस पर संशय था। परिवार भी तनाव में था। वह अपनी समस्या को लेकर KGMU के यूरोलॉजी विभाग पहुंची। यहां जांच में पाया गया कि वह आनुवांशिक रूप से जन्मजात महिला है।बस बच्चेदानी और अन्य आंतरिक अंग नहीं हैं। पीरियड भी नहीं आता। इस पर उसकी काउंसिलिंग कर सर्जरी का फैसला लिया गया। प्रो. विश्वजीत की टीम ने पहले उसकी आंत से 10 सेंटीमीटर का टुकड़ा निकाला और उससे जननांग बना दिया। मेडिकल साइंस में इसे सिग्मॉड वेजाइनोप्लास्टी कहते हैं। प्रो. विश्वजीत ने बताया कि मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है। वह पत्नी के रूप में पति की हर ख्वाहिश पूरी कर सकेगी। बस बच्चे को जन्म नहीं दे पाएगी। 2 माह में सर्जरी के दाग भी मिट जाएंगे। इस सर्जरी में करीब 8 घंटे निरंतर डॉक्टरों की टीम लगी रही। इसी तरह के एक अन्य मामले में 16 साल के मरीज को प्रो. विश्वजीत सिंह की टीम ने नया जीवन प्रदान किया है। इस केस में मरीज आनुवांशिक रूप से पुरुष निकला। पर वह जीवन जी रहा था महिला के रूप में। डॉक्टरों के सामने उसने महिला बने रहने की इच्जछा जताई। जांच में पुरुष जननांग के नाम पर शरीर में दो सेंटीमीटर की गांठ मिली। अंडकोष के बजाय जांघ के आसपास छोटे-छोटे गोनेडस थे जबकि क्रोमोजोन पुरुष का होने के बाद भी शरीर के अंदर महिला जननांग पाया गया। 6 सेंटीमीटर की छोटी बच्चेदानी मिली। यह सर्जरी चुनौतीपूर्ण थी, क्योंकि क्रोमोजोन और शरीर के अन्य हिस्से में कई तरह के बदलाव थे। इसकी भी सर्जरी कर उभरे मांस के लोथड़े को काटकर प्लास्टिक सर्जरी की गई। पेशाब का रास्ता अलग कर पूरी तरह से महिला जननांग बनाया गया। इसे मेडिकल साइंस में फेमिनिजिंग जेनिटोप्लास्टी कहते हैं। यह भी युवती बन पति के साथ तो रह लेगी लेकिन बच्चे पैदा नहीं होंगे।
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