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15 देशों के राजदूतों ने की सीएम योगी से मुलाकात


 लखनऊ में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर 15 राष्ट्रों में तैनात भारत के राजदूतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  से मुलाकात की। इस मुलाकात में उत्तर प्रदेश के विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्रिपल-टी वाला मंत्र और 'उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट' को लेकर बात हुई। इस मौके पर तमाम राजदूतों ने उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर अपने अनुभव भी साक्षा किए।विकास की दौड़ में पिछड़े 8 आकांक्षात्मक जिलों के समग्र विकास के लिए सरकार की कोशिशों की तारीफ की। साथ ही प्रदेश के विकास के लिए अपने सुझाव भी दिए। सीएम योगी ने विदेशों में तैनात वरिष्ठ राजनयिकों का उत्तर प्रदेश आगमन पर स्वागत किया। सीएम योगी ने कहा कि राजदूत के रूप में यह सभी विदेशों में भारत के ब्रांड एंबेसडर हैं।इस मुलाकात में सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए 'ट्रिपल टी' का मंत्र दिया है। ट्रिपल टी यानी 'ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म। उत्तर प्रदेश इन मंत्रों को आत्मसात कर लगातार आगे बढ़ रहा है। राजदूतों का सहयोग प्रदेश के विकास में सहायक होगा। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में आज प्रदेश में 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जा रही है। खेती की यह टेक्नीक आभी चतल रही पद्धति की तुलना में नाममात्र की लागत वाली है। हमारी उपज भी नॉन-टॉक्सिक होती है। सरकार अपने कृषि उत्पाद के निर्यात के लिए भी कार्ययोजना तैयार कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष 10-12 फरवरी को 'उत्तर प्रदेश ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट' का आयोजन किया जाना है। यह तीन दिवसीय ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट अभूतपूर्व होगा, ऐतिहासिक होगा और नए "उत्तर प्रदेश की आकांक्षाओं को उड़ान" देने वाला होगा। व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे,जिसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट वर्ष 2023 तक प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में सहायक होगा। इसमें राजदूतगणों के सहयोग की भी जरूरत है।सीएम योगी ने राजदूतों से कहा कि बड़ी संख्या में प्रदेश के नागरिक दक्षिण-पूर्व एशिया, खाड़ी देशों में प्रवास करते हैं। इनमें बड़ी संख्या अकुशल श्रमिकों की है। अकुशल होने के कारण आमतौर पर उनका पारिश्रमिक भी कम होता है। ऐसे में सरकार इनके कौशल उन्नयन के लिए प्रयासरत है। राजदूतों के सहयोग से ऐसे लोगों को पहचान कर इनके कौशल का विकास करने का काम किया जा सकता है।

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