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गोवंशों के प्रति सच्ची सेवा का भाव रखने वाले बीडीओ को डीएम ने किया सम्मानित


सुलतानपुर जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने  गोवंशों के प्रति मन में सच्ची सेवाभाव रखने वाले खण्ड विकास अधिकारी को अस्थायी गौशाला के सफल संचालन हेतु सम्मानित किया  । खण्ड विकास अधिकारी द्वारा पीढ़ी गौशाला धीरे-धीरे माॅडल के रूप में तैयार की जा रही है। जो आने वाले समय में जिले ही नहीं प्रदेश में एक नया उदाहरण पेश करेगी।प्रदेश में पहली बार योगी की सरकार बनने के बाद गोवंशों के संरक्षण को लेकर गोशाला खोलने का फरमान जारी हुआ तो शासन के इस निर्णय को अमल में लाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर जिले में दर्जनों स्थानों पर स्थायी और अस्थायी गोशालाएं बनायी गयीं। जिसके संचालन की जिम्मेदारी सम्बंधित ग्राम पंचायतों को दी गई।

शासन स्तर पर गोवंशों के खानपान को लेकर प्रति गोवंश 30 रूपये देने का सिलसिला शुरू हुआ। कुछ दिनों तक दबाव में गोशालाएं ठीक ठाक चली उसके बाद कभी धन का अभाव तो कभी अफसरों की अनदेखी से गोवंशों की हालत खराब होने की समस्या आम हो गयी। ऐसे में पीढ़ी में खोले गए अस्थायी गोशाला भी इससे अछूती  नहीं रही। समय बदला तो जयसिंहपुर में कुड़वार ब्लाक से स्थानान्तरित होकर आये खण्ड विकास अधिकारी संतोष कुमार गुप्ता ने यहां का कार्यभार सम्भाला। तब से लेकर अब तक दफ्तर में वह भले ही अफसर की भूमिका में रहते हो लेकिन गोशाला पहुंचने के बाद वह पशु पालक बन जाते हैं। कड़ी मेहनत व अथक प्रयास के बाद गोशाला में व्यवस्थाएं पटरी पर पहुंची तो उन्होंने धीरे-धीरे गोवंशों के खान-पान व रहन-सहन को लेकर कई कार्य योजनाएं तैयार की। मौजूदा समय में तीन टीनशेड में 129 गोवंश संरक्षित हैं। जिनकी देखभाल के लिए तीन केयर टेकर की तैयारी की गई है। बीडीओ संतोष कुमार इस गोशाला का रोजाना नियमित निरीक्षण करते हैं और व्यवस्थाओं को चाक-चैबंद रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। इसी गोशाला में बडे़ भूखण्ड पर चारागाह तैयार किया जा रहा है जिसमें नैपियर घास की रोपाई भी की गयी है। जिसकी नियमित सिंचाई और देखरेख का जिम्मा खुद बीडीओ ने सम्भाली है। उन्होंने गोवंशों को छाया देने के लिए 50 सहजन के पेड़ों की रोपाई भी करवायी हैं जो भविष्य में छाया के साथ-साथ फल भी देगा, जिससे स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आचार बनवाकर मार्केट में बेचने की व्यवस्था करायी जाएगी। गोवंशों के गोबर से वर्मीकम्पोस्ट तैयार करने के लिए 12 पिट तैयार किया गया है। जिनमें एक पिट में केचुआ डाल कर वर्मीकम्पोस्ट तैयार किया जा रहा है। जिसे बेचकर भविष्य में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकेगा। बीडीओ के साथ इस गोशाला को स्मार्ट बनाने के लिए पीढ़ी ग्राम प्रधान कुलदीप मौर्य और सचिव जगदीश प्रसाद युद्ध स्तर पर मेहनत करने में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि खण्ड विकास अधिकारी संतोष कुमार यदि अपने मिशन में कामयाब हुए तो यह गोशाला जिले में ही नहीं प्रदेश में माॅडल के रूप में अपनी पहचान बनाएगी। बीडीओ और उनकी टीम की मेहनत और निष्ठा को देखकर जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने बुधवार को सम्मानित किया। जो अपने आप में मिशाल है।

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