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बहुचर्चित 'मनोज-हत्याकांड' में तीन सगे भाई एवं सास-बहू समेत तीन महिला गई जेल


सुलतानपुर। जमीनी विवाद को लेकर तीन दिन पूर्व हुई मनोज की हत्या एवं अन्य पर हुए जानलेवा हमले के मामले में तीन सगे भाइयों एवं सास-बहू समेत तीन महिलाओं को गिरफ्तार कर स्पेशल जज एससी- एसटी एक्ट की अदालत में पेश किया गया। जिनकी रिमांड स्वीकृत कर स्पेशल जज इंतेखाब आलम ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है। वहीं अदालत ने कैंसर पीड़ित बताई जा रही आरोपी महिला विनीता को जेल मैनुअल के हिसाब से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है।मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र के मलाकतुलापुर गांव से जुड़ा है। जहां पर विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण मतदान की तिथि के दूसरे दिन ही जमीनी विवाद को लेकर दलित रामनरेश एवं गांव के अशोक कुमार सिंह के परिवार में खूनी संघर्ष हो गया। दलित रामनरेश के आरोप के मुताबिक जमीनी विवाद को लेकर आरोपीगण सगे भाई कौशलेंद्र उर्फ राजन सिंह,शैलेंद्र सिंह,आलोक कुमार सिंह सुतगण अशोक कुमार सिंह, आरोपी अमन सिंह सुत भूपेंद्र सिंह, उसकी मां किरन सिंह एवं अशोक सिंह की पत्नी इंद्रावती व बहू विनीता पत्नी शैलेंद्र सिंह ने लाठी-डंडों व कुल्हाड़ी सहित अन्य हथियारों से लैस होकर उन पर हमला बोल दिया। हमले में आई चोटों की वजह से शिक्षक पद के लिए तैयारी कर रहे मनोज की मौत हो गई, जबकि अन्य कई गंभीर रूप से घायल हो गए। मामले में दलित राम नरेश की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ हत्या,हत्या के प्रयास एवं एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। घटना के बाद से ही तनाव का माहौल पैदा हो गया। यहाँ तक कि काफी समझाने-बुझाने के बाद मनोज के शव का अंतिम संस्कार हो सका। प्रकरण की तफ्तीश सीओ लम्भुआ सतीश चंद्र शुक्ला को मिली है। मामले में नामजद अमन सिंह को छोड़ शेष अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्हें घटना में प्रयुक्त हथियारों के साथ गिरफ्तार कर स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट की अदालत में पेश किया गया। आरोपियों की रिमांड स्वीकृत कर जज इंतेखाब आलम ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है।रिमांड पर सुनवाई के दौरान ही आरोपी विनीता सिंह के अधिवक्ता की तरफ से उन्हें कैंसर पीड़ित मरीज बताते हुए इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराने को लेकर अर्जी दी गई। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जेल अधीक्षक को जेल मैनुअल के हिसाब से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने एवं इस संबंध में कोर्ट को रिपोर्ट से अवगत कराने का निर्देश दिया है।

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