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चुनाव खर्च के नियमों का पालन नहीं किया तो दर्ज होगी उम्मीदवार पर एफआईआर

 


लखनऊ प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अगर उम्मीदवार ने चुनाव खर्च से संबंधित केन्द्रीय चुनाव आयोग के नियमों का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी और उसके प्रचार वाहनों का जारी पास वापस ले लिया जाएगा। यह बात शुक्रवार को लखनऊ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में हुई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को समझाई गई। विशेष कार्याधिकारी रमेश चन्द्र राय ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से कहा कि वह टिकट देने के समय ही अपने उम्मीदवारों को इस बारे में अच्छी तरह समझा दें कि नामांकन के एक दिन पहले चुनाव खर्च का हिसाब-किताब रखने के लिए एक पृथक बैंक खाता जरूर खुलवा लें। चुनाव से संबंधित सारे लेन देन उसी बैंक खाते से ही किये जाएंगे। इस खाते से एक दिन में दस हजार रुपये से ज्यादा का नकद भुगतान नहीं किया जा सकेगा।इस बार चुनाव आयोग ने प्रत्येक उम्मीदवार की चुनाव खर्च सीमा 30 लाख 80 हजार तय की है। पहले यह 28 लाख रुपये थी। चुनाव व्यय पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया के हर तीसरे दिन उम्मीदवार के चुनाव खर्च के ब्योरे की जांच करेंगे। उम्मीदवार को चुनाव परिणाम निकलने के एक महीने के भीतर अपने चुनाव खर्च का पूरा हिसाब किताब आयोग को देना होता है।राजनीतिक दलों से भी कहा गया कि वह भी अपने चुनाव खर्च का हिसाब किताब रखें। राजनीतिक दलों को चुनाव खत्म होने के 75 दिनों के बाद अपना हिसाब किताब चुनाव आयोग को देना होता है। राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग से प्रकाशित चुनाव खर्च के नियमों से सम्बंधित पुस्तिका भी वितरित की गयी।

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