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लोहिया अस्पताल के कर्मचारी की हत्या का पुलिस ने किया खुलासा,पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की थी हत्या


लखनऊ लोहिया अस्पताल के लापता कर्मचारी की हत्या उसकी ही पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की थी। लखनऊ पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए पत्नी उसके पॉलिटेक्निक के प्रोफेसर प्रेमी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल पिस्टल, तमंचा, कारतूस व अन्य सामान बरामद हुआ है।लोहिया संस्थान के कर्मचारी श्रीराम यादव (42) के पास 18 दिसंबर की देर शाम एसेंट कार खरीदने के लिए दो युवक उनके पास आए। टेस्ट ड्राइव कराने के लिए श्रीराम उनके संग चले गए। देर रात तक श्रीराम के घर नहीं लौटने पर परिजनों ने रिश्तेदारों से संपर्क किया लेकिन कुछ पता नहीं चला। 19 दिसंबर को श्रीराम के भाई मनीष यादव ने विभूतिखंड थाने में अवशिष्ट व अन्य अज्ञात युवकों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने छानबीन की तो 22 दिसंबर को बाराबंकी में अयोध्या हाईवे से लिंक रोड पर कुरौली के पास श्रीराम की कार मिली। DCP  ने बताया सीसीटीवी फुटेज की मदद से श्रीराम की पत्नी संगीता यादव, उसके प्रेमी अवशिष्ट कुमार निवासी राजकीय पॉलीटेक्निक परिसर जहांगीराबाद, बाराबंकी, कुंती निवासिनी गांधीनगर, नगर कोतवाली, बाराबंकी, संतोष कुमार निवासी ग्राम डखौली, पोस्ट समैया नगर कोतवाली, बाराबंकी और सुशील कुमार निवासी अशोकनगर, ढकोली सुम्मईयानगर, नगर कोतवाली, बाराबंकी को गिरफ्तार किया गया है। DCP ने बताया कि आरोपियों के पास से .32 बोर की पिस्टल, तमंचा, कारतूस व एक खोखा, अवशिष्ट के पास में संगीता की चार फोटो, संगीता का आधार कार्ड व पैन कार्ड व एक पोस्ट पेमेंट कार्ड बरामद हुआ है।पुलिस के मुताबिक संगीता का अवशिष्ट से लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों अक्सर चोरी से मिलते थे। अवशिष्ट से बात करने के लिए संगीता ने एक मोबाइल फोन छिपाकर रखा था। दिसंबर के पहले सप्ताह में श्रीराम ने छिपाकर रखा गया मोबाइल फोन देख लिया था। श्रीराम को पता चल गया कि पत्नी अवशिष्ट से बातें करती है। इसे लेकर श्रीराम का संगीता से झगड़ा होने लगा। इसके बाद वह पत्नी पर नजर रखने लगा। संगीता ने इसकी अवशिष्ट को जानकारी दी। फिर दोनों ने मिलकर श्रीराम को रास्ते से हटाने की साजिश रची। अवशिष्ट ने जहांगीराबाद में पॉलीटेक्निक के पास स्थित तालाब में मछली पालन करने वाले अपने दोस्त संतोष और सुशील को श्रीराम की हत्या करने के लिए राजी कर लिया। श्रीराम अपनी एसेंट कार बेचना चाहता था। संगीता ने अवशिष्ट को इसकी जानकारी दी। उनमें तय हुआ कि कार खरीदने के बहाने श्रीराम को टेस्ट ड्राइव के लिए ले जाकर हत्या की जाएगी। साजिश के तहत 18 दिसंबर की देर शाम संतोष व सुशील लोहिया संस्थान परिसर स्थित श्रीराम के आवास पर गए। बातचीत के बाद श्रीराम टेस्ट ड्राइव के लिए दोनों साथ चला गया। अवशिष्ट अपनी कार से इनका पीछा कर रहा था। BBD के पास अवशिष्ट की महिला मित्र कुंती मिली। सुशील ने कुंती को रिश्तेदार बताया और कहा कि इन्हें भी कार दिखानी थी। फिर कुंती को भी कार में बैठा लिया। ये लोग श्रीराम को बातचीत में उलझाकर घूमते रहे। फिर किसान पथ से बाराबंकी के बड्डूपुर जाकर संतोष व सुशील ने कार रोकी तो अवशिष्ट भी वहां आ गया। उसे देखकर श्रीराम जब तक माजरा भांपता सुशील ने .32 बोर के तमंचे से उस पर फायर किया मगर गोली मिस हो गई। फिर संतोष ने .32 बोर की पिस्टल से श्रीराम के सीने में गोली मार दी। इसके बाद श्रीराम को वहीं नहर में फेंकने के बाद सभी आरोपी बाराबंकी में कुरौली के पास श्रीराम की कार लावारिस छोड़कर सभी आरोपी भाग गए थे।ADCP  ने बताया कि बाराबंकी में श्रीराम यादव की कार मिलने के बाद लोहिया संस्थान परिसर से वहां तक के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। सभी फुटेज में श्रीराम की कार के पीछे एक कार जाती दिखी। नंबर से पता चला कि यह कार अवशिष्ट की है, जिस पर श्रीराम के भाई ने पहले ही शक जताया था। सर्विलांस से छानबीन कर पुलिस टीम ने अवशिष्ट, संतोष, सुशील व कुंती को गिरफ्तार कर लिया।

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