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पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण के जरिए पूर्वांचल के वोटरों पर निगाहें,इस तरह की है़ व्यापक तैयारियां


सुलतानपुर अयोध्या से सटे सुलतानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण के जरिए यूपी के पूर्वांचल के जिलों को साधने की सरकार की तैयारी है़। इसके लिए स्वयं पीएम मोदी 16 नवंबर को सुलतानपुर के कूरेभार स्थित अरवल कीरी में बने एयर स्ट्रिप के पास एक विशाल जनसभा को संबोधित करके लोगों को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का तोहफा देंगे।

कार्यक्रम की समाप्ति पर पीएम एयर स्ट्रिप पर पहुंचेगे जहां सेना के युद्धक विमान आकाश में कलाबाजी करेंगे, लाखों की भीड़ इस अदभुत दृष्य का आनंद लेगी।उधर पीएम के कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोरों पर है़। कार्यक्रम स्थल पर कई प्रशासनिक अधिकारी कैंप कर रहे हैं। बस्ती जिले के कमल टेंट से फुल प्रूफ एलुमिनियम स्ट्रैक्चर का टेंट सेट लगाया जा रहा है़। आसपास के क्षेत्र में किसानों के खेतों में सीमेंट के खंभे लगाकर उसमें लोहे के कटीले तार लगाए जा रहे हैं। मैटिंग से बिछाने से लेकर कुर्सियां और बैरिकेडिंग के लिए बल्लियां लगाई जा रही। एयर स्ट्रिप से सटे जिस स्थान पर सीएम की जनसभा होनी है़ वहां पीएम की सभा के लिए 85 मीटर लंबा स्टेज बनाया जा रहा। इसके बाद 155 मीटर लंबी गैलरी और उसके बाद 600 मीटर के स्पेस में कुर्सियां लगाई जाएगी। लगभग 45 से 50 हजार कुर्सियां लगाने की बात आधिकारिक तौर पर बताई गई है़।पूर्वांचल एक्सप्रेस वे जिन-जिन जिलों से होकर निकला है़ उन सभी जिलों की भीड़ पीएम के इस कार्यक्रम में लाने की कवायद चल रही है़। अमेठी, सुलतानपुर, अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़ और गाजीपुर तक से कार्यक्रम में भीड़ लाई जाएगी।कूरेभार ब्लॉक के अरवल कीरी स्थित कार्यक्रम स्थल पर फुल प्रूफ पंडाल तैयार किया जा रहा है़। बैरिकेडिंग से लेकर साफ-सफाई का कार्य हो रहा। एयर स्ट्रिप के पास महिलाएं घास काट रही, तो मजदूर एयर स्ट्रिप पर सफाई से लेकर रंगाई पुताई तक कर रहे। सुरक्षा की दृष्टि से सीमेंट के खंभे लगाकर उसमें कटीले तार लगाए जा रहे हैं।सभास्थल के लिए 130 किसानों की भूमि का अधिग्रहण हुआ है। इसमें धान व गन्ने की फसल बोई गई थी। एसडीएम जयसिंहपुर अरविद कुमार ने बताया कि इन सभी किसानों को फसल की क्षतिपूर्ति मिलेगी। धान की फसल के लिए एक हेक्टेयर में 40 क्विंटल उत्पादन का मानक रखा गया है। इससे संबंधित किसानों को 1950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मुआवजा उनके खाते में सीधे भेजा जाएगा। वहीं गन्ने की फसल के लिए एक हेक्टेयर में 900 क्विंटल उत्पादन का मानक निर्धारित किया गया है। प्रति क्विंटल 350 रुपये की धनराशि प्रभावित गन्ना उत्पादकों को दिया जाएगा। इसमें जयसिंहपुर तहसील के आठ गांव अरवलकीरी करवत, गौरा, जफरापुर, दखिनवारा, खरसोमा, अकोढ़ी, करौते व फुलौना के किसानों की भूमि ली गई है।

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