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पंचायत भवन निर्माण पर सीडीओ और डीपीआरओ द्वारा लगाई गई रोकपर हुई छीछालेदर; ग्रामीणों ने सांसद से मिलकर किया शिकायत, मेनका गांधी ने एसडीएम को फोनकर निर्माण को बहाल करने का दिया निर्देश, लोगों ने सांसद को बोला धन्यवाद

 


सुलतानपुर जिले में सत्ता के दबाव में सीडीओ और डीपीआरओ द्वारा पंचायत भवन के निर्माण पर रोक की शिकायत मिलते ही सांसद मेनका गांधी नाराज हो गई। उन्होंने एसडीएम को तत्काल फोन लगाकर उक्त निर्माण को बहाल करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने खुशी का इजहार करते हुए सांसद को धन्यवाद बोला है।मामला जिले के मोतिगरपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत मोतिगरपुर पठखौली से जुड़ा है। ग्रामीणों ने सांसद को बताया कि शासन के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत में पंचायत भवन का निर्माण पंचायतीराज एक्ट के तहत कराया जा रहा है। जिसके लिए 11 जून 2021 को ग्राम पंचायत की बैठक का एजेंडा निकाला गया, फिर 17 जून 2021 को ग्राम पंचायत की बैठक में भू-प्रबन्ध समिति की सर्वसम्मति से ग्राम पंचायत के गाटा संख्या 290 च, जो कि बंजर के रूप में दर्ज है में पंचायत भवन बनाने का प्रस्ताव पास किया गया। उस भूमि पर न तो किसी प्रकार का अतिक्रमण है और न ही कोई काबिज है। पंचायत भवन निर्माण के लिए प्रस्तावित जमीन का नक्शा-नजरी बनाकर एडीओ पंचायत शमशाद अली द्वारा 3 अगस्त 2021 को पंचायत भवन निर्माण का स्वीकृति पत्र भेजा गया।जिसके बाद संबंधित जेई द्वारा माप कर भवन निर्माण का नक्शा स्वीकृति हुआ। ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत भवन के निर्माण के लिए 2 सितंबर 2021 को अल्पकालीन-निविदा निकाली गई उसके बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ। स्वीकृति पंचायत भवन मुख्य आबादी से महज 250 मीटर की दूरी पर स्थित है और भूमि पर निर्माण कार्य चल रहा था। अब तक करीब 1 लाख रुपये की अनुमानित लागत से फाउंडेशन का काम भी हो गया था। इसी बीच राजनैतिक दबाव के चलते डीपीआरओ आरके भारती ने ग्राम पंचायत/भू-प्रबन्ध समिति को बिना कोई लिखित कारण बतायए मौखिक रूप से काम रुकवा दिया। काम रोकने व दूसरी जगह पंचायत भवन की भूमि तलाशने को कहकर काम रुकवा दिया। ग्रामीणों ने जब इस बावत डीपीआरओ से फोन पर पूछा तो उन्होंने जांच करने की बात कही। 13 सितम्बर 2021 को डीपीआरओ ने सीडीओ के निर्देश का उल्लेख करते हुए एक पत्र एसडीएम जयसिंहपुर को जारी किया। जिसमें स्पष्ट लिखा कि ग्राम पंचायत की गाटा संख्या 360 में पंचायत भवन निर्माण के लिए भूमि की पैमाइश की जाए। जबकि उक्त भूमि में कई खाताधारक के साथ बैनामेदार भी है। ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के लिए भू-प्रबन्धन ग्राम पंचायत का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन राजनैतिक दबाव के चलते डीपीआरओ अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जबरन गांव की दूसरी विवादित भूमि में पंचायत भवन का निर्माण करना चाहते है। जबकि करीब एक लाख रुपये से अधिक धनराशि अब तक के निर्माण में खर्च हो चुकी है। ग्राम प्रधान ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी से करते हुए डीपीआरओ द्वारा रोके गए निर्माण कार्य को शुरू कराने की मांग की थी। इस बीच जब सोमवार को सांसद क्षेत्र में पहुंची तो ग्रामीणों ने उसने शिकायत किया। इस पर सांसद ने एसडीएम जयसिंहपुर राम अवतार से फोन पर कहा कि जहां बना रहा है उसे बनाने दो। ये बदलना बुदुलना बंद करें।

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