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22 साल की बेटी ने मां को दी किडनी, बेटी ने कहा मां के लिए मेरा फर्ज है


लखनऊ उत्तर प्रदेश में हापुड़ जिले में 22 साल की बेटी ने अपनी मां की जान बचाने के लिए अपनी एक किडनी डोनेट कर दी। मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले गुर्दा रोग के वरिष्ठ डॅाक्टर संदीप गर्ग का कहना है कि मां और बेटी पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। 48 साल की यह महिला उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले की रहने वाली है। पिछले 2 साल से अधिक समय से किडनी की समस्या से जूझ रही थी। महिला के पति शिक्षक हैं। महिला के 4 बच्चे हैं, जिनमें बड़ी बेटी की उम्र 22 साल है। जब मां बीमार रहने लगीं तो बड़ी बेटी पर घर की जिम्मेदारी का भी बोझ आ पड़ा। लंबा इलाज चला तो परिवार के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई। रिश्तेदारों व अन्य लोगों ने भी परिवार से दूरी बना ली।लेकिन, महिला की जान बचाने के लिए पति और बेटी ने आखिरी समय तक हिम्मत नहीं हारी। पत्नी के इलाज के लिए शिक्षक पति ने अपने गांव की जमीन बेच दी। डॉक्टरों ने बताया कि महिला की जिंदगी बचानी है, तो एक किडनी ट्रांसप्लांट करानी होगी, नहीं तो आगे की जिंदगी आसान नहीं है। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि ब्लड ग्रुप व कई अन्य कारणों से पति की किडनी नहीं ली जा सकती।डॉक्टर खुद कह रहे हैं कि 22 साल की बेटी को अभी खुद भी नहीं पता कि आगे की जिंदगी का सफर क्या रहेगा। लेकिन, मां को किडनी दान करने लिए बेटी सामने आई। बेटी को कुछ लोगों ने समझाया भी कि यह ठीक नहीं है। लेकिन, उसने डॉक्टरों से यही कहा की मेरे लिए मां की जिंदगी बहुत मायने रखती है।उसका कहना था कि मां ने मुझे अपनी कोख में पाला, यदि मैं मां की जिंदगी बचाने के लिए अपनी किडनी नहीं दे सकती, तो फिर मेरी जिंदगी का कोई मतलब नहीं बचता। बेटी ने कहा कि मैंने अपनी मम्मी को किडनी दान देकर कोई अहसान नहीं किया है, यह मां के लिए मेरा फर्ज है, जो मैंने निभाया है। मैं चाहती हूं कि मैं अपनी मां को जिंदगी भर अपनी आंखों के सामने देखती रहूं।

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