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जेल में निरुद्ध अमेठी की डीपीआरओ का रिश्वत लेते वीडियो हुआ वायरल: अधिकारी का वीडियो वायरल होने से जिले में मचा हड़कंप


अमेठी।  जिला पंचायत राज अधिकारी का पैसे लेते वीडियो वायरल होने से सरकारी मशीनरी में हड़कंप मच गया है़। अपने ऑफिस में डीपीआरओ खुलेआम रिश्वत ले रही हैं। जिसने उत्तर प्रदेश सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि गत 17 जून को लखनऊ विजिलेंस टीम डीपीआरओ श्रेया मिश्रा को गिरफ्तार कर चुकी है़।सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो सफाई कर्मी के ही मामले से जुड़ा है़। फाइल पास करने के नाम पर डीपीआरओ ने सफाई कर्मी से पैसों की मांग किया था। नाम न छापने की शर्त पर सफाई कर्मी ने बताया कि डीपीआरओ श्रेया मिश्रा के कार्यकाल में हर फाइल का रेट तय था, और बगैर पैसे दिए काम नही होता था। इस कारण हमने विभाग के एक बाबू को मिलाया और फिर पैसे देते समय का उनका वीडियो बनवा डाला। आपको बता दें कि बीते 17 जून को लखनऊ की एंटीकरप्शन टीम ने डीपीआरओ श्रेया मिश्रा के ऑफिस में छापेमारी करते हुए उन्हें उनके कार्यालय में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। दरअस्ल बाजार शुकुल ब्लॉक के एक गांव में तैनात सफाई कर्मी सुशील कुमार का वेतन आदि भुगतान बकाया था। आरोप है़ कि, पैसे पास करने के लिए उससे तीस हजार रुपये की मांग की गई थी। इसी संदर्भ में 17 जून को वह डीपीआरओ को पैसा देने कार्यालय गया था, पैसा देने के बाद एंटीकरप्शन की टीम ने छापा मार दिया था और डीपीआरओ रंगे हाथ पकड़ ली गई। इसके बाद टीम उन्हें लेकर अमेठी के एक होटल में चली गई थी। यहां से देर शाम टीम उन्हें लेकर गौरीगंज ब्लॉक परिसर स्थित उनके आवास पहुंची थी और छानबीन किया था। जहां टीम को लगभग डेढ़ लाख रूपए कैश मिले थे।डीपीआरओ के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की बात भी सामनें आई थी।बता दें कि डीपीआरओ को स्थानीय स्तर पर क्लीनचिट देने का दौर भी चला, लेकिन अमेठी में उनकी पोस्टिंग चर्चा में रही है़। इसके पूर्व प्रतापगढ़ जिले के बड़नपुर निवासी स्व. तेज बहादुर सिंह की पत्नी सुमन देवी ने बीते दिनों शिकायत किया था कि ड्यूटी समय में एक दुर्घटना में उनके पति की 15 सितंबर 2020 को मौत हो गई थी। इसके बाद उनका फंड रिलीज करने के लिए जब मैं डीपीआरओ श्रेया मिश्रा से मिली तो वहां मौजूद पापा जी (डीपीआरओ के पिता) द्वारा आधी रकम देने की डिमांड किया गया। नही देने पर उसे फंड और नौकरी से वंचित रखा गया, और ये मामला हाईकोर्ट में लांबित है़।

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