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जीजा की जगह साला करता रहा पुलिस में नौकरी,पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर असली कांस्टेबल को गिरफ्तार किया


लखनऊ। मुरादाबाद में एक पुलिस कांस्टेबल की जगह उसका साला 5 साल तक पुलिस की वर्दी पहनकर नौकरी करता रहा। खुद शिक्षक बनने के बाद उसने नौकरी से इस्तीफा देने के बजाए अपने सगे साले को अपनी जगह वर्दी पहनाकर विभाग में नौकरी करने भेज दिया। एक गोपनीय शिकायत से मामला पकड़ में आने के बाद पुलिस ने कांस्टेबल अनिल और उसके साले के खिलाफ ठाकुरद्वारा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर असली कांस्टेबल अनिल को गिरफ्तार कर लिया है।अनिल कुमार 2011 बैच का सिपाही है। वह मुजफ्फरनगर के खतौली कस्बे का रहने वाला है। उसका साला सुनील कुमार भी खतौली का ही रहने वाला है। पीआरवी पर अनिल कुमार की ड्यूटी थी। करीब पांच साल पहले वह उसका चयन शिक्षक पद पर हुआ था। उसने विभाग से इस्तीफा दिए बगैर अपने साले सुनील उर्फ सनी को अपनी जगह अपने नाम से ड्यूटी पर लगा दिया। फर्जी कांस्टेबल सुनील 5 सालों तक सिपाही बनकर अनिल कुमार के नाम से नौकरी करता रहा। किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।2017 में कांस्टेबल अनिल कुमार को मुरादाबाद के बिलारी थाना क्षेत्र में डॉयल 112 पर पोस्ट किया गया था। यहां उसने महज चार महीने नौकरी की। इसके बाद विभागीय सांठगांठ करके उसने अपने स्थान पर अपने साले सुनील पुत्र राजपाल निवासी कंधारी थाना खतौली मुजफ्फर नगर को अपनी जगह एडजस्ट कर दिया। तब से अनिल के नाम से उसका साला सुनील ही विभाग में कांस्टेबल की नौकरी कर रहा था। बिलारी में नौकरी करने के बाद उसका तबादला ठाकुरद्वारा की पीआरवी 281 पर कर दिया गया था।विभागीय अधिकारियों को गोपनीय शिकायत मिलने के बाद फर्जी कांस्टेबल की नौकरी का भेद खुला। इसके बाद अफसर दंग रह गए। तुरंत इसकी जानकारी डीआईजी व अन्य अधिकारियों को दी गई। मामला संज्ञान में आते ही डीआईजी ने प्रकरण में जांच के आदेश दिए हैं।मुरादाबाद रेंज के डीआईजी शलभ माथुर का कहना है कि विभागीय मिलीभगत की जांच और कार्रवाई होगी।

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