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किसान का बेटा बना अधिकारी


सुलतानपुर।कुड़वार क्षेत्र के भण्ड़रा चंद्रकला गांव में  एक साधारण किसान का बेटा लोअर पीसीएस की परीक्षा पास कर अपने माता-पिता परिवार तथा सभी क्षेत्र वासियों को गौरवान्वित कर दिया है।कहते हैं कि मेहनत,विश्वास और अपने सपनों को पूरा करने का जज्बा जिसके अंदर होता है वो हर परिस्थिति में उनको पूरा कर ही लेता है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए मन में बस उनको पूरा करने का हौसला होना चाहिए। वैसे तो हमने आपको बहुत सी ऐसी कहानियां बताई हैं जिसमें लोगों ने अपने सपनों को पूरा किया और सफलता की उन ऊचाइयों तक पहुंचे जहां पर पहुंचना हर किसी का सपना होता है।कहते हैं कि कभी भी सफलता एक बार में नहीं मिलती है,उसके लिए आपको कई बार असफलता का मुंह भी देखना पड़ता है,लेकिन उससे हार मानकर कभी भी अपने सपनों का अंत नहीं करना चाहिए।सफलता की सीढ़ी तक पहुंचने के लिए आपको कई बार असफलता भी झेलनी पड़ती है लेकिन असली सिकंदर वहीं कहलाता है जिसे हारी बाजी को जीतना आता है।राहुल पाठक   कुड़वार विकास खण्ड़ के भण्ड़रा परशुरामपुर ग्रामसभा के चंद्रकला गांव के रहने वाले हैं। राहुल ने अपनी मेहनत के बल पर ना सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि अपने भण्ड़रा-कुड़वार क्षेत्र ही नहीं अपितु पूरे जिले का नाम भी रौशन किया है। राहुल पाठक के पिता  काली चरण पाठक एक सरल तथा ज्ञानी व्यक्तियों जाने जाते हैं।बेटे के अधिकारी बनने के बारे में काली चरण पाठक बताते हैं कि यह सब हमारे पूर्वजों का आशीर्वाद है मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरा पुत्र एक अधिकारी बन सकता है। बड़े भाई सहदेव पाठक किसान यूनियन (टिकैत गुट)के कुड़वार ब्लाक अध्यक्ष हैं।राहुल पाठक ने बताया कि उनकी प्रारम्भिक शिक्षा कुड़वार क्षेत्र के बीपी इण्टर कॉलेज से उत्तीर्ण की फिर ग्रेजुएशन महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज से करने के बाद सीधे प्रयागराज पहुंच गया। उन्होंने बताया कि मैं पहली बार 2018 में हुई (लो०पीसीएस)की परीक्षा दिया जिसमें किन्हीं कारणों से परिणाम रूका हुआ था जो कि अभी दो दिन पहले परिणाम आया जिसमें मैं पास रहा। उन्होंने बताया कि पिताजी गांव चंद्र कला से कुछ खर्चा दे देते थे बाकी यहां कोचिंग पढ़ाकर किसी तरह से अपनी पढ़ाई करता रहा। राहुल पाठक ने कहा कि मेरी सफलता का पूरा श्रेय हमारे माता-पिता व मेरे परिवार को जाता है ।

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