श्री मद्भागवत कथा में रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुनकर भावविभोर हुए श्रोता
सुलतानपुर।श्री बाबा सत्य सिरोमणि नाथ धाम तिवारीपुर चंदौर पर श्री मद्भागवत कथा का छठे दिन रुकिमिणी विवाह का प्रसंग कथा वाचक पंडित श्री गंगा प्रसाद तिवारी जी के श्री मुख से सुनकर सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।धनपतगंज ब्लाक के चंदौर गांव के तिवारीपुर में चल रही श्री मद्भागवत ज्ञानयज्ञ कथा का आज छठे दिन कथा वाचक पंडित गंगा प्रसाद तिवारी की कथा चल रही है। कथा के मुख्य यजमान राम यज्ञ दूबे ने कहा कि इस कथा आयोजन से मेरे साथ साथ पूरे गांव क्षेत्र के लोगों को भगवान की भक्ति करने का सौभाग्य मिल रहा है।
आयोजक दिनकर दूबे मीडिया प्रभारी अयोध्या मण्डल ने बताया कि कथा यज्ञ पूजन करने से पूरा वातावरण शुद्ध एवं स्वच्छ हो जाता है जिसके फलस्वरूप लोगों को भगवान की भक्ति करने से मोक्ष को प्राप्ति होती है।कथा वाचक पंडित गंगा प्रसाद तिवारी ने कहा कि श्री कृष्ण जी के साथ रुक्मिणी जी की भक्ति अपार प्रेम से लोगों को शिक्षा लेने की जरूरत है। श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन बुधवार को भागवताचार्य पंडित गंगा प्रसाद तिवारी ने श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह के प्रसंग को सुनाया। श्रद्धालु विवाह की कथा सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए। इस प्रसंग में कलाकारों ने श्रीकृष्ण व रुक्मिणी के स्वरूप में सुंदर झांकियां प्रस्तुत किया।भगवान के स्वरूप में कलाकारों पर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा की और उनका स्वागत किया। विवाह के मंगल गीत गाए गए। इस प्रसंग में महिला श्रद्धालुओं ने जमकर भागीदारी किया। भागवताचार्य ने कहा कि रुक्मिणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी का अवतार थीं। रुक्मिणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उन्होंने मन ही मन श्रीकृष्ण को वर मान लिया था। रुक्मिणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह राजा शिशुपाल से कराना चाहता था। इस शुभ अवसर पर प्रधान पद प्रत्याशी हरिशंकर तिवारी, अनिल तिवारी, पत्रकार उदय प्रकाश मिश्रा, समेत सैकड़ों की संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।
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