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प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना शहरी पथ विक्रेताओं के लिए उजाले की किरण

 कोविड-19 के चलते जहां रेहड़ी, पटरी लगाने वाले छोटे कारोबारियों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया। देश के रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वाले अपना जीवन यापन करने के लिए काम नहीं कर पा रहे है। जिसकी वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है। इस समस्या को देखते हुए प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना को शुरू करने की घोषणा की। स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि के अंतर्गत रेहड़ी पटरी वालो को अपना काम दोबारा से शुरू करने के लिए सरकार द्वारा लोन मुहैया कराया जा रहा है। योजना के जरिये रेहड़ी पटरी वालो को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के जरिये गरीब लोगो की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने भी बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के लक्ष्य को पूरा करने में किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। बैंकों को लोन मुहैया करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए है। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अंतर्गत ऋण देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। योजना का लाभ सड़क के किनारे रेहड़ी पटरी वालो को प्रदान किया जायेगा। स्वनिधि योजना के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के आस-पास सड़क पर माल बेचने वाले विक्रेताओं को इसमें लाभार्थी बनाया गया है। देश के स्ट्रीट वेंडर सीधा 10 हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं। जिसे वे एक वर्ष में मासिक किस्तों में चुका सकते हैं। योजना के अंतर्गत शासन द्वारा जनपद का लक्ष्य 2035 निर्धारित किया गया है, जिसके अंतर्गत 1151 ऑनलाइन आवेदन किए गए हैं जिसमें से 258 लाभार्थियों को विभिन्न बैंकों द्वारा रुपए 10000 तक का ऋण स्वीकृत किया गया है।  लोन को समय पर चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को सात फीसद का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के तौर पर उनके अकाउंट में सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाएगा। कोरोना संकट के समय कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने का काम करेगी। शहरी पथ विक्रेताओं की इन्हीं समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने शहरी पथ विक्रेताओं को पुनः अपना व्यवसाय कार्य प्रारम्भ करने के लिए 10 हजार रुपये का ऋण 12 मासिक किश्तों पर 7 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी की छूट पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। शहरी पथ विक्रेताओं को पुनः अपना कार्य शुरू कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज के रूप में आसान किश्तों पर ऋण की सुविधा देकर कार्यशील पूँजी बनाने में उनकी सहायता की जा रही है। सरकार लाॅकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए हर वर्ग के लोगों की सहायता कर रही है। खेतिहर मजदूर, किसान, कारीगर, कुशल/अर्द्धकुशल श्रमिक, उद्योग-धंधों के लोगों, उद्यमी-व्यवसायी सबको सरकार आवश्यक सहायता कर रही है।प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना से रेहड़ी पटरी वालों व छोटी-मोटी दुकान वालों को अपना कारोबार फिर से खड़ा करने के लिए भारत सरकार द्वारा यह योजना संचालित की गई है। जो लोेग पहले से वेंडिंग कर रहे है, वे वेंडर्स इस योजना से लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के लिए सर्वेक्षण सूची में नाम भी होना चाहिए। नगर निकायों द्वारा पटरी दुकानदारों का सर्वेक्षण कराते हुए उनका पंजीयन किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के समस्त निकायों से चिन्हित पंजीकृत लाखों पथ विक्रेताओं की सूची भारत सरकार को उपलब्ध करा दी थी, जिसकी पोर्टल के माध्यम से हजारों शहरी पथ विक्रेताओं ने आनलाइन नगर निकायों, डूडा के माध्यम से आवेदन करते हुए इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। प्रदेश सरकार आवेदन फार्म तथा संबंधित बैंक के बन्धक पत्र में भी आवश्यक सहयोग कर रही है, जिससे वेण्डर्स दैनिक कमाई करते हुए अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकें।
स्ट्रीट वेंडर के लिए केंद्र सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा पीएम  स्वनिधि ऐप लॉन्च किया गया है। देश के  रेहड़ी और पटरी वाले, छोटे सड़क विक्रेता लोग अब डायरेक्ट लिंक के माध्यम से अपने स्मार्टफोन पर पीएम स्वनिधि मोबाईल एप को अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड और इंस्टॉल कर सकते हैं और इस योजना के अंतर्गत अपना खुद का रोजगार शुरू करने के लिए आसानी से आवेदन कर सकते है। नया ऐप स्ट्रीट वेंडर्स के लोन एप्लिकेशन की सोर्सिंग और प्रोसेसिंग के लिए विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना पूरी तरह से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है इस योजना के तहत कर्ज लेने वाले इन उद्यमियों को कर्ज का नियमित रूप से भुगतान करने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जायेगा और डिजिटल लेनदेन पर पुरस्कृत भी किया जायेगा। सीएससी योजना के तहत इन छोटे कारोबारियों का पंजीकरण करने में मदद करेगी 

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