लखनऊविरोध-प्रदर्शनों या आंदोलन के दौरान नष्ट संपत्तियों की क्षतिपूर्ति अब आसानी से होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और मेरठ में संपत्ति क्षति दावा अभिकरण (ट्रिब्यूनल) के गठन को मंजूरी दे दी। यूपी देश में पहला प्रदेश है, जिसने ये कदम उठाया है। अभिकरण का गठन उपद्रवियों के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है। जिन-जिन लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है, वे इन अभिकरणों में क्लेम कर सकेंगे। अभिकरण वसूली कराकर क्लेम सुनिश्चित कराएगा। इसे सिविल कोर्ट जैसी शक्तियां हासिल होंगी। इसका फैसला अंतिम होगा। जो आरोपी हैं वह अपनी बेगुनाही का सबूत यहीं देंगे। इसके खिलाफ अन्य किसी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकेगी।यदि किसी को क्षतिपूर्ति पाने के लिए अपील करना है तो नुकसान पहुंचाने की तारीख से तीन माह के भीतर दावा करना होगा। अभिकरण को आवेदन में 30 दिन के विलंब को माफ करने की शक्ति भी होगी। यदि किसी आम आदमी की निजी संपत्ति का नुकसान हुआ है तो उसे संबंधित थानाध्यक्ष की रिपोर्ट लेनी होगी। उस रिपोर्ट में नुकसान का आकलन होगा। उसी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित व्यक्ति तीन माह के भीतर दावा याचिका दाखिल कर सकता है।लखनऊ मंडल के दावा अभिकरण के अंतर्गत झांसी, कानपुर, चित्रकूट, लखनऊ, अयोध्या, देवीपाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती, विंध्याचल धाम मंडल की याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी।मेरठ मंडल के दावा अभिकरण के अंतर्गत सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, आगरा मंडल की याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी।
यूपी पहला प्रदेश बना, जहां संपत्ति क्षति दावा अभिकरण का गठन
Reviewed by सुल्तानपुर टाइम्स
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8/18/2020 11:16:00 am
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