जैसराज, कफ़ील हत्याकांड की तरह "सुदीप मर्डर केस" का नही हुआ खुलासा
सुलतानपुर।समय समय पर नगर में कई हत्याएं हुईं लेकिन "सुदीप श्रीवास्तव मर्डर केस" भी खुलने से रहा । पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विधवा मां चीख-चीख कर हत्या की गवाही दे रहे हैं ।लेकिन नगर कोतवाली पुलिस को खुलासा करने की फुर्सत नहीं है।घटना को दस माह से ऊपर का वक्त बीत चुका है ।पेश है योगेश यादव की एक रिपोर्ट.-मामला नगर के कुड़वार नाका स्थित जानकी सहाय मंदिर निवासी सुदीप श्रीवास्तव हत्याकांड से जुड़ा है। बीते वर्ष 24 सितंबर 2019 के दिन सुदीप(34) की लाश गोमती नदी किनारे मिली। सुदीप श्रीवास्तव को एक व्यक्ति फोन करके मिलने के लिए बुलाता है।सुदीप झट से सुबह आठ बजे के करीब घर से निकलता है। दोपहर होते-होते घर से तकरीबन एक किलोमीटर दूर पानी से भीगी हुई सुदीप की लाश नदी के किनारे मिलती है ।सूचना पाकर मां बदहवास हो गई ।पता चला है की बेवा मां को उसके सगे रिश्तेदार ने खून के आंसू रुलाने की धमकी दी थी और हुआ भी वही ।मां का इशारा बेटे को आखरी फोन कान करने वाले की ओर है।माँ का कहना है कि उसका बेटा घर से निकलने से पहले अपनी मां को बताता है कि "जीजा ने फोन किया है-मैं मिलकर जल्दी लौट रहा हूं ।" बेटे के जाने पर मां का दिल घबरा जाता है ।कई मर्तबा फोन मिलने पर जब बेटे का फोन स्विच ऑफ बताता है ।तभी सूचना पर नगर के केएनआई कस्बा चौकी प्रभारी नदी किनारे पड़ी लाश को कब्जे में लेते हैं।लाश को पोस्टमार्टम भेजने के हफ्तों बाद अज्ञात के खिलाफ नगर कोतवाली में मु•अ•स 1332/2019 हत्या का मुकदमा दर्ज होता है ।लेकिन पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद हर बार दबाव में आ गई । पुलिस ने अंतिम फोन करने वाले को भी उठाया ।लेकिन सत्तासीन नेताओं के पैरवी से संदेह के घेरे में आए सभी अभियुक्त बारी-बारी से छूट जाते हैं । ताजा स्थिति यह है कि नगर कोतवाल ओमवीर सिंह पखवाड़े भर पहले इकलौते पुत्र की हत्या में बिलख रही मां के घर जाते हैं ।और उनसे शीघ्र खुलासा करने के लिए समय मांगते हैं ।लेकिन कोतवाल द्वारा दिए गए मोहलत भी बीत गई ।फिलहाल सुदीप हत्याकांड भी पीडब्लूडी कर्मी जैसराज, कफ़ील (घासीगंज)जैसे मर्डर केस की तरह ठंडा पड़ गया है।
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