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रेलवे की भूमि पर कब्जा करके पड़ रही छत


सुलतानपुर।रेलवे की जमीन पर कूट रचित दस्तावेज बनाकर बढैय्यावीर गली में अवैध कब्जा किया जा रहा है । हालांकि डेढ़ वर्ष पूर्व भी उत्तर रेलवे ने जमीन की नाप जोख करके अपना सीमांकन तय किया था । उस दौरान रेलवे की जमीन पर कई लोगों ने अवैध पक्के मकान बनवा लिए थे लेकिन इधर बीच कोविड-19 में जुटे सम्बन्धित विभाग की आंखों से बच बचाकर अब नए निर्माण पर लेंटर डालने की कार्रवाई की जा रही है। वो भी रेलवे पटरी से चंद कदम दूरी पर।बल्ली लग चुकी है।पखवारे भर से शटरिंग भी हुई है।लेकिन नदी का किनारा होने के बावजूद चूंकि मामला विभागीय प्रेम से जुड़ा है इसलिए सम्बन्धित लेखपाल पूरे माले में चुप्पी साधे है।मामला बढैय्यावीर स्थित डॉ राजेश श्रीवास्तव की गली के निकट नदी के किनारे हो रहे अवैध निर्माण के संबंध में है।अभी हाल ही में रेलवे ने बंधुआ कला स्थित अपनी जमीन को पुलिस और राजस्व विभाग के मदद से खाली करवाया था । कब्जेदारी का यही हाल पयागीपुर स्थित रेलवे फाटक के निकट एक मंदिर का भी है ।रेल विभाग का दावा है कि यहां रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा करके मंदिर बना हुआ है ।उक्त जमीन का कागज मंदिर ट्रस्ट के पास नहीं है।इतना ही नहीं रेलवे विभाग की माने तो जनपद में उसके चार स्थानों पर बड़े पैमाने पर उसकी जमीन पर कब्जा किया गया है। फिलहाल पुलिस के साथ आरपीएफ भी सक्रिय हो गई है। इस पूरे मामले में राजस्व विभाग के लेखपाल की भूमिका संदिग्ध है। जो गोमती नदी की 200 मीटर दूर के दायरे में भी निर्माण होने दे रहा है । ग्रीन जोन का खुल्लम खुल्ला उलंघन किया जा रहा है।चन्द माह पूर्व जिले मजिस्ट्रेट सी• इंदुमती ने नदी के किनारे स्थित सीताकुंड क्षेत्र जाकर अवैध निर्माण रुकवाया था। लेकिन बढैय्यावीर स्थित गोमती पुल से सटे 200 मीटर के दायरे में अभी भी अवैध निर्माण जोरों पर है।इस बाबत सहायक मंडल प्रबंधक मंगल यादव ने कहा रेलवे की जमीन पर कब्जेदारी की शिकायत प्राप्त हुई है।जल्दी सम्बन्धित विभाग के सहयोग से भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।

रिपोर्ट योगेश यादव

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