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महात्मा बुद्ध की पर्यावरण संतुलन की अवधारणा बोधिसत्व में समाहित है- अजय प्रताप सिंह

कादीपुर (सुलतानपुर ) महात्मा बुद्ध की पर्यावरण संतुलन की अवधारणा बोधिसत्व में समाहित है । ' यह बातें प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने कही ।
श्री सिंह सन्त तुलसी दास पीजी कालेज कादीपुर में "समय के प्रवाह  में बौद्ध धर्म : दक्षिण पूर्व एशिया के परिप्रेक्ष्य में" विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र को बतौर  मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे । डां.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष प्रो.अजय प्रताप सिंह ने कहा कि - आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंतित है ऐसे मे महात्मा बुद्ध के उपदेशो को विस्मृत नहीं किया जा सकता है। वे पर्यावरण सन्तुलन के प्रबल समर्थक रहे है।पर्यावरण सन्तुलन के लिए महात्मा बुद्ध का अनुशीलन नितांत आवश्यक है।
संगोष्ठी में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सदस्य प्रो.हिमांशु चतुर्वेदी ने महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि - 'महात्मा गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद बौद्ध धर्म के अलग अलग संप्रदाय उपस्थित हो गये। लेकिन बुद्ध द्वारा अपने अनुयायियो को दी गयी चार आर्यसत्य, अष्टांगिक मार्ग,दस पारमिता एवं पंचशील आदि की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक है।' इसी विषय परकाशी हिंदू विश्वविद्यालय ,वाराणसी के डॉ.रविशंकर , प्रयागराज केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर.पी.त्रिपाठी, राजामोहन गर्ल्स पीजी कालेज अयोध्या की डां.प्रज्ञा मिश्रा के द्वारा महात्मा बुद्ध के जीवन चरित एवं बौद्ध धर्म के उत्पत्ति व विकास,समाज व संस्कृति एवं पर्यावरण पर समालोचनात्मक प्रकाश डाला गया।
 संगोष्ठी में "बौध धर्म साहित्य व संवेदना के विकास मे योगदान" विषय पर के.एन.आई.प्राचार्य डॉ.राधेश्याम सिंह ,राणा प्रताप पी.जी.कालेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.इन्द्रमणि कुमार ,असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह'रवि' , संत तुलसीदास पी.जी.कालेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.करुणेश भट्ट आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किये । 
 संगोष्ठी के समापन अवसर पर महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के उप-प्रबन्धक डां.अरविन्द चतुर्वेदी प्राचार्य डां जितेन्द्र कुमार तिवारी, संगोष्ठी के आयोजन सचिव डा सतीश सिह एवं संयोजक डा.समीर पाण्डेय द्वारा संगोष्ठी में सहभागी बने सभी शिक्षक शिक्षिकाओ एवं छात्र छात्राओ के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया गया। महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई के स्वयं सेवक वरिष्ठ कार्यक्रमाधिकारी डां.यस.बी.सिंह एवं डां सुरेन्द्र प्रताप तिवारी , संजय तिवारी दीपक तिवारी आदि के नेतृत्व मे व्यवस्था संचालन के व्यवस्थित सहभागी रहे।

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