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यूपीएससी करेगी उम्मीदवारों का आधार वेरिफाई


नई दिल्ली केंद्र सरकार ने बुधवार  को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) को एग्जाम देने आने वाले उम्मीदवारों का आधार ऑथेंटिकेशन करने की इजाजत दी है। आसान भाषा में कहें तो UPSC अब परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों का आधार वेरिफाई करेगी। ताकि ये जाना जा सके कि जो परीक्षार्थी पेपर देने आया है वह फर्जी शख्स ना हो। आधार वेरिफिकेशन का नियम UPSC द्वारा करवाए जाने वाले सिविल सेवा परीक्षा सहित 14 परीक्षाओं पर लागू होगा।  
दरअसल पिछले महीने UPSC ने एक टेंडर निकाला था।जिसमें आधार के जरिए ऑथेंटिकेशन करने उम्मीदवार का चेहरा पहचानने की टेक्नोलॉजी का यूज करने ई-एडमिट कार्ड्स का क्यूआर कोड स्कैन करने और एआई आधारित लाइव CCTV कैमरों का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों से बोली मांगी गई थी। सरकार की तरफ से ये कदम तब उठाया गया है।जब IAS ट्रेनी पूजा खेडकर को लेकर विवाद खड़ा हुआ है।उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट्स के जरिए 2022 सिविल सर्विस एग्जाम दिया था।कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DPOT) ने बुधवार को कहा कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग केंद्र सरकार के जरिए मंजूरी मिलने के बाद सूचित करता है कि यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) को वन टाइम रजिस्ट्रेशन' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय उम्मीदवारों की पहचान वेरिफाई करने के लिए आधार वेरिफिकेशन की इजाजत देता है।हां/नहीं या फिर ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन फैसिलिटी के जरिए एग्जाम के सभी लेवल पर वेरिफिकेशन होगा।सरकार की तरफ से निकाले गए टेंडर में कहा गया है।इन उद्देश्यों को पूरा करने की अपनी कोशिश में UPSC का मकसद उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक डिटेल्स का मिलान एवं क्रॉस-चेक करना और परीक्षा के दौरान नकल फर्जीवाड़ा गलत तरीके से पेपर देने और फर्जी लोगों को एग्जाम में बैठाने जैसी हरकतों को रोकने के लिए लेटेस्ट डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना है।

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