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पूर्व प्रशासनिक अधिकारी का फर्जीवाड़ा-एक से दूसरे मोहल्ले में जाने के लिए दिखाई एयर एम्बुलेंस


लखनऊ राज्य कर मुख्यालय में धोखाधड़ी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने पत्नी के इलाज के लिए लखनऊ के एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में स्थित एक अस्पताल तक ले जाने के लिए एयर एम्बुलेंस कर ली। विभाग में एयर एम्बुलेंस का 3500 रुपये का बिल भी लगा दिया। बिल देख शक होने पर जांच कराई गई तो मेडिकल बिलों के नाम पर हो रहे खेल का भंडाफोड़ हो गया। प्रशासनिक अधिकारी चंद्र प्रकाश ने रिटायर्ड अफसर पर विभूतिखंड थाने में धोखाधड़ी की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई है।राज्य कर मुख्यालय लखनऊ में तैनात पूर्व प्रशासनिक अधिकारी अनुराग मेहरोत्रा ने 25 जुलाई 2022 को विभाग में मेडिकल बिल लगाया। इसमें दिखाया गया था कि पत्नी प्रमिला मेहरोत्रा को आपात इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस लेनी पड़ी। बीमार पत्नी को एयर एम्बुलेंस कटारी टोला चौक स्थित उनके घर से गोमती नगर स्थित टीसीआई सेंटर तक ले गई। फिर वापस घर भी एयर एम्बुलेंस ने ही छोड़ा। मेडिकल बिल के मुताबिक एयर एम्बुलेंस को 3500 रुपये किराया दिया गया, जिसकी रसीद भी लगाई गई थी।राज्य कर के अपर आयुक्त प्रशासन ओम प्रकाश वर्मा ने बताया कि केवल 3500 रुपये में एयर एम्बुलेंस का बिल देखकर शक हुआ तो जांच की गई। चौक जैसे घने इलाके में एयर एम्बुलेंस कहां, उतरी और महज पांच किलोमीटर दूर गोमती नगर अस्पताल में कहां उतारा, इसका कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए गए। एफआईआर के मुताबिक कुल 3600 रुपये के भुगतान का प्रयास किया गया है।एयर एम्बुलेंस के प्रमाण के रूप में लखनऊ चारबाग के पते पर दर्ज इंडिया टूर एंड ट्रैवल्स के लेटरपैड पर जारी बिल लगाया गया था। इतना ही नहीं एयर एम्बुलेंस के पायलट के रूप में रमेश कुमार के हस्ताक्षर किए गए थे। हद तो ये हो गई कि कार की तरह बिल में एयर एम्बुलेंस का नंबर भी लिख दिया- यूपी 30 एटी 2195। पूरा मामला संदिग्ध देख अपर आयुक्त स्तर के अधिकारी को जांच सौंपी गई। बिल पर दर्ज पते की जांच में इंडिया टूर एंड ट्रैवल्स का अस्तित्व नहीं पाया गया। ज्यादा छानबीन के बाद खुलासा हुआ कि अवध ट्रैवल्स के मालिक पीयूष गुप्ता के पिता के नाम ये फर्म पंजीकृत थी, जो 17 साल पहले बंद हो चुकी है। वाहन नंबर के सत्यापन से पता चला कि हरदोई में एक कार का नंबर है। पूर्व अधिकारी के खिलाफ जांच में कई और फर्जीवाड़े पाए गए हैं। मामला गंभीर देख शासन के आदेश पर FIR दर्ज कराई गई है। साथ ही पूरे मामले की विभागीय जांच भी की जाएगी।

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