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प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई


उत्तर प्रदेश
विधान परिषद में चिकित्सा राज्य मंत्री मयंकेश्वर सिंह ने कहा कि प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए सपा सदस्यों के स्वास्थ्य सेवाओं को ध्वस्त बताने के जवाब में मयंकेश्वर ने यह बात कही। कहा पूर्व की सरकारों के मुकाबले आम लोगों को अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। एक अन्य सवाल के जवाब श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में रोजगार मेले लगाए जाएंगे।सपा के शहनवाज खान ने स्वास्थ्य सेवाओं पर अपनी बात संस्कृत के श्लोक से शुरू करते हुए कहा कि निरोग होना परम भाग्य है। उनका उद्देश्य कटाक्ष करना नहीं है लेकिन स्वास्थ्य मानकों में यूपी काफी पीछे है।KGMU में छह माह से टीबी टेस्ट करने की मशीन नहीं है। डॉक्टर अंदाज से दवाएं लिख रहे हैं। लोहिया संस्थान की ओपीडी बंद पड़ी है। मृत्यु दर के आंकड़े भी चिंतनीय हैं। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि डायलिसिस के लिए लंबी वेटिंग है।सपा के ही लाल बिहारी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से रोगी के लिए इलाज का शत-प्रतिशत खर्च मिलना चाहिए। विधायकों के लिए भी मरीजों की मदद के लिए खर्च की सीमा 25 लाख रुपये से ज्यादा की जानी चाहिए। चिकित्सा राज्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं पहले से काफी सुधरी हैं। चयन प्रक्रिया पारदर्शी है। जल्द ही 800 से ज्यादा एंबुलेंस खरीदने की तैयारी है। 


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