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चले थे रातों-रात करोड़पति बनने, पहुंचे जेल


लखनऊ प्रयागराज के मेजा तहसील के रहने वाले अनिरुद्ध सिंह ने बड़े शौक से अपने बेटे कृष्णा अवतार सिंह को BSc. और BCA करवाया था। सोचा था कि आगे चलकर कृष्णा हमारे बुढ़ापे का सहारा बनेगा, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा असल में क्या कर रहा है।कृष्णा भोले-भाले लोगों को फंसाकर उनका ऑनलाइन खाता खुलवाता था और दुबई में बैठे आका जय के कहने पर उन खातों में ऑनलाइन गेमिंग से आए करोड़ों रुपए क्रिप्टो करेंसी में बदलकर उसे दुबई अपने बॉस जय के वॉलेट में ट्रांसफर करवा देता था। पुलिस ने अवैध काली कमाई के इस धंधे में उसे गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की है। मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग की भी एंगल से जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं।प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि थाना जार्जटाउन और साइबर सेल को ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से करोड़ों रुपए की ठगी करने की शिकायत मिली थी। इसको लेकर जॉर्जटाउन थाने में रिपोर्ट दर्ज थी। इसी सिलसिले में मदरा भगनपुर, मेजा खास का रहने वाला शातिर कृष्णा अवतार सिंह को गिरफ्तार किया गया। कृष्णा ने BSc. और BCA किया है। वह कम्प्यूटर का अच्छा जानकार है। उसने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से उसकी मुलाकात दुबई में रहे वाले जय नाम के एक व्यक्ति से हुई।पुलिस की पूछताछ में कृष्णा ने बताया कि पिछले 10 दिनों में उसने बाइनेन्स ऐप से लगभग 3 करोड़ 74 लाख 83 हजार 127 रुपए को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर जय द्वारा बताए गए वॉलेट एड्रेस पर ट्रांसफर किया गया है। जांच में कृष्णा द्वारा कर का भुगतान किए बिना बड़ी मात्रा में धनराशि का लेन-देन करना पाया गया है, इसके किसी वैध स्रोत का अब तक पता नहीं चला है। पुलिस अभी अनिरुद्ध को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है। अभी इस रैकेट में शामिल अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने का पुलिस प्रयास कर रही है।दुबई में बैठे जय द्वारा बताए गए तरीके के अनुसार, कृष्णा प्रयागराज और आसपास के निवासियों से उनके विभिन्न बैंक खातों के करेंट अकाउंट और ऑनलाइन यूजर ID, पासवर्ड लेकर जय को भेज देता था। खाताधरकों को कुल ट्रांजैक्शन का 0.7% कमीशन देने का वादा करके खाता खुलवाता था।ऑनलाइन गेमिंग का पैसा इन्हीं खातों में जाता था। इन खातों में करोड़ों रुपए भेजे जाते थे, जिसके लिए कृष्णा को एक निश्चित कमीशन दिया जाता था। इन गेमिंग ऐप्स द्वारा RBI की “पेमेन्ट एग्रीग्रेटर्स एण्ड पेमेन्ट गेटवेज की गाइड लाइन" का पालन नहीं किया जाता है ।कृष्णा द्वारा उन खाता धारकों को कमीशन का एक हिस्सा भेज दिया जाता था। इसके बाद शेष बचे उन रुपयों को 'बाइनेन्स (BINANCE) ऐप' के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में बदलकर जय द्वारा बताए गए वॉलेट एड्रेस पर ट्रांसफर कर दिया जाता था। कृष्णा द्वारा बताया गया कि वह अपनी वास्तविक पहचान छिपाने के लिए आधार कार्ड में हेराफेरी करके अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया करता था ।जांच एजेंसियों ने कृष्णा के दुबई में बैठे आका जय सिंह की प्रोफाइल के बारे में पता लगाना शुरू कर दिया है। आखिर ये जय कौन है? जय ने करोड़ों रुपए कहां और किसे ट्रांसफर किए। कहीं इसके पीछे आतंकी फंडिंग तो नहीं? कहीं जय नाम का व्यक्ति भारत में ही तो बैठकर ये धंधा नहीं चला रहा है और अपने को दुबई का बता रहा हो। STF और UP पुलिस ने इन बिंदुओं पर भी जांच शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज कर पूछताछ करेगा।कृष्णा ने पुलिस को बताया कि उसकी जय से जान-पहचान फेसबुक से हुई। जय ने एक दिन उसे बिना कुछ लागत के करोड़पति बनने का रास्ता बताया। उसका रोडमैप भी बनाकर दिखाया। कृष्णा को लगा कि घर बैठे बिना कुछ लगाए करोड़पति बनने का रास्ता अगर मिल रहा है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। जय ने उसे बताया था कि यह सब लीगल है। इसके बाद कृष्णा के ऊपर रातों रात करोड़पति बनने का ऐसा नशा सवार हो गया कि दुबई में बैठे जय ने जैसा-जैसा कहा कृष्णा ने वैसा ही करना शुरू कर दिया।जय ने कृष्णा को करोड़ों के ट्रांजैक्शन का एक परसेंट कमीशन ऑफर किया था। उसे लगा अब तो लाइफ सेट है। कृष्णा ने आधा परसेंट कमीशन की लालच में लोगों के करेंट अकाउंट खुलवा दिए और उनका यूजर आईडी और पासवर्ड ले लिया। इसके बाद भी जो भी करेंट अकाउंट में पैसे आता उसे क्रिप्टो में बदलकर उसे अपने बॉस जय के पास भेज देता था। उसका कमीशन जय भेज दिया करता था।

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