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योगी के रात्रिभोज में पहुंचे शिवपाल व ओपी राजभर

 


लखनऊ राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में मुख्यमंत्री आवास पर शुक्रवार रात आयोजित भोज में समाजवादी कुनबा बिखर गया। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा सपा विधायक शिवपाल यादव और गठबंधन के सहयोगी सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भोज में शामिल होकर भविष्य में गठबंधन की नई राजनीति के संकेत दे दिए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में अपने सरकारी आवास पर भोज रखा था। इसमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, अपना दल के आशीष पटेल, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की मौजूदगी पहले से अपेक्षित थी। मगर, शिवपाल यादव, ओमप्रकाश राजभर और बसपा के उमाशंकर सिंह ने भोज में पहुंचकर सभी को चौंका दिया। दरअसल, बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति पद के विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थ में हुई सपा की बैठक में शिवपाल व राजभर को नहीं बुलाया गया था। बीते कुछ दिनों से राजभर की बयानबाजी से अखिलेश नाराज थे। उन्हें न बुलाकर सपा ने गठबंधन तोड़ने के संकेत दे दिए थे। इस बीच, भाजपा ने भी शिवपाल व राजभर से संपर्क शुरू कर दिया था। राजभर के तेवर शुक्रवार सुबह ही दिख गए थे जब उन्होंने कहा कि अखिलेश पहले अपने चाचा का वोट यशवंत सिन्हा को दिलाकर दिखाएं। अखिलेश को केवल मुस्लिम व यादव ही दिखते हैं। इस बयान से ही संकेत मिल गया था कि सपा व सुभासपा साथ नहीं चलेंगे।राष्ट्रपति चुनाव के बहाने विपक्षी दलों की फूट का असर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी दिखने के आसार हैं। सुभासपा अध्यक्ष राजभर और प्रसपा नेता शिवपाल नया गुल खिला सकते हैं।भाजपा गठबंधन के पास 273 विधायक है। शिवपाल, सुभासपा के छह और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 विधायकों के मत मिलने के बाद यह संख्या 281 पहुंच जाएगी। सूत्रों के मुताबिक बसपा के एकमात्र विधायक उमाशकर सिंह का वोट भी मुर्मू को मिल सकता है। इसके अलावा बसपा के 10 सांसदों के वोट भी द्रौपदी को मिल सकते हैं।

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