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कृषि आय बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण आवश्यक - डॉ.अनुभव प्रताप सिंह


 राणा प्रताप पीजी कालेज में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर का व्याख्यान 

 सुलतानपुर खाद्य पदार्थ को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए खाद्य प्रसंस्करण जरूरी है। खाद्य प्रसंस्करण से कृषि आय बढाई जा सकती है। खाद्य पदार्थों की बरबादी रोकने के लिए भारत में सही व सुरक्षित नीति बनाने की जरूरत है।' यह बातें ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ.अनुभव प्रताप सिंह ने कहीं । वे राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बाबू धनंजय सिंह स्मृति व्याख्यानमाला के अंतर्गत 'खाद्य प्रसंस्करण एवं पोषण की उपयोगिता' विषय पर आईक्यूएसी द्वारा आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे ।

प्रोफेसर अनुभव ने बताया कि खाने को सुरक्षित रखने के लिए पूरी दुनिया में शोध चल रहा है। विभिन्न तरह की उर्जा का प्रयोग करके आज हम भोजन की पोषकता बनाये रखते हुए उसे लम्बे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनसंख्या बढ़ने से खाद्य संकट बढ़ेगा यह एक भ्रान्ति है। जनसंख्या के साथ साथ फूड प्रोडक्शन भी समानांतर बढ़ता है। उत्तर प्रदेश अब फूड प्रोसेसिंग का हब बन रहा है।  इस समय खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रदेश में लगभग 101 फैक्टरी काम कर रही है।     प्रोफेसर ने चिंता जताई कि सुलतानपुर एक खाद्य प्रधान  जिला है लेकिन यहां खाद्य प्रसंस्करण के शिक्षा की उचित सुविधा नहीं है।संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रबंधक सुरेन्द्र नाथ सिंह व स्वागत प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने किया। विषय प्रवर्तन पूर्व प्राचार्य डॉ.एम.पी.सिंह ,आभार  ज्ञापन आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक इंद्रमणि कुमार तथा संचालन डॉ.प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने किया। मंचस्थ अतिथियों ने माला, अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर मुख्य अतिथि को सम्मानित किया।इस अवसर पर उप प्राचार्य प्रोफेसर निशा सिंह, संगोष्ठी संयोजक डॉ.आलोक कुमार पाण्डेय, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि , डॉ.प्रीति प्रकाश समेत समस्त शिक्षक , कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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