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प्रधानमंत्री ने मन की बात में नदियों के महत्व, स्वच्छता और वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया


नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में नदियों के महत्व, स्वच्छता और वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि आजादी की जंग में खादी का जो गौरव था, वही गौरव आज युवा पीढ़ी खादी को दे रही है। साथ ही कहा कि मेरे उपहारों की नीलामी से मिलने वाला पैसा नमामि गंगे मिशन को दिया जाएगा।आज आजादी के 75वें साल में हम संतों से कह सकते हैं कि आजादी की जंग में जो गौरव खादी का था, वही गौरव आज की युवा पीढ़ी खादी को दे रही है। दिल्ली के खादी शो रूम में एक करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हुआ, ऐसे कई दिन हुए। 2 अक्टूबर बापू की जयंती पर एक नया रिकॉर्ड बनाएं। जहां भी खादी, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट बिकता हो, दिवाली सामने है, अपनी हर खरीदारी वोकल फॉर लोकल को मजबूत करने और पुराने रिकॉर्ड तोड़ने वाली हो।छोटी बातों से बड़े परिवर्तन आते हैं। महात्मा गांधी के जीवन को देखेंगे तो महसूस करेंगे कि छोटी बातों को लेकर उनके जीवन में कितनी अहमियत थी और छोटी-छोटी बातों से उन्होंने बड़े संकल्पों को कैसे साकार किया। साफ-सफाई के आंदोलन ने आजादी के आंदोलन को ऊर्जा दी थी। गांधी ने ही स्वच्छता को जनआंदोलन बनाने का काम किया था। स्वच्छता को स्वाधीनता के सपने के साथ जोड़ दिया था। इतने दशकों बाद स्वच्छता आंदोलन ने देश को नए सपने देखने का मौका दिया है।स्वच्छता कार्यक्रम बस नहीं, पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कार की जिम्मेदारी है। पीढ़ियों से जब ये आंदोलन चलता है तो समाज में स्वच्छता का स्वभाव बनता है। ये एक सरकार और दूसरी सरकार का विषय नहीं है। इसे अविरत, बिना रुके-थके और श्रद्धा के साथ जुड़कर चलाना है। स्वच्छता पूज्य बापू को इस देश की बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है। ये श्रद्धांजलि हर बार लगातार देते रहना है।स्वच्छता के संबंध में बोलने का कोई मौका मैं छोड़ता नहीं। रमेश पटेल ने हमें लिखा कि हमें आर्थिक स्वच्छता का भी फैसला करना चाहिए। इससे गरीबों का अधिकार सुरक्षित होता है और उनका जीवन आसान होता है। जनधन खातों को लेकर जो अभियान शुरू किया उसकी वजह से गरीबों के हक का पैसा उनके खातों में जा रहा है। भ्रष्टाचार में कमी आई है। इसमें टेक्नोलॉजी मदद कर सकती है।आज गांव देहात में भी यूपीआई से लेनदेन की दिशा में सामान्य आदमी जुड़ रहा है। पिछले अगस्त में यूपीआई से 355 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए हैं यानी हम कह सकते हैं कि अगस्त के महीने में साढ़े तीन सौ करोड़ से ज्यादा बार यूपीआई का इस्तेमाल डिजिटल लेन-देन के लिए किया गया। आज एवरेज 6 करोड़ रुपए का डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहा है।

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