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एनी बुलियन कंपनी के संचालक की ढ़ाई करोड़ की संपत्ति कुर्क,आवासीय मकान और फैक्ट्री है़ शामिल


अमेठी। जिलाधिकारी अरुण कुमार के निर्देश पर एनी बुलियन कंपनी के मालिक जालसाज अजीत गुप्ता की करीब ढ़ाई करोड़ की संपत्ति को पुलिस ने कुर्क किया है़। कुर्क हुई संपत्ति में अजीत की एक फैक्ट्री और आवासीय मकान शामिल है़। बता दें कि पिछले वर्ष राजधानी लखनऊ के PGI थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा है़। आरोपित की पत्नी आईएफएस अधिकारी है़ जो विदेश में तैनात है़, और जालसाज पति के कारोबार में वो भी शामिल रही है।  मंगलवार को गौरीगंज सर्किल के ट्रेनी क्षेत्राधिकारी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, एनी बुलियन चिट फंड कंपनी के संचालक अजीत गुप्ता के विरुद्ध कोतवाली गौरीगंज में मुकदमा अपराध सं. 42/21 पर यूपी गैंगेस्टर अधिनियम के तहत दर्ज है़। विवेचना के दौरान गौरीगंज पुलिस को कमरौली औधोगिक क्षेत्र में उसकी एक फैक्ट्री और एक आवासीय मकान का पता चला। साथ ही साथ वहां उसके चार वाहनों के होने का भी पता चला था। इस संबंध में जिलाधिकारी अरुण कुमार को कुर्की आदेश के लिए रिपोर्ट दी गई थी। जिलाधिकारी के आदेश पर आज कार्रवाई की गई और फैक्ट्री व आवास को कुर्क किया गया है़।।बता दें कि एनी बुलियन कंपनी की ओर से दिए जा रहे 40 फीसदी ब्याज के लालच में आकर लखनऊ, अयोध्या, अमेठी, सुलतानपुर,बाराबंकी और फैजाबाद में किसान काश्तकारों ने बड़े पैमाने पर कंपनी में निवेश किया था।एनी बुलियन कंपनी का जाल जगदीशपुर में भी गहरा फैला हुआ था। कस्बे में कंपनी का दफ्तर तो नहीं था लेकिन उसके एजेंट लोगों को 40 फीसदी ब्याज मिलने की गारंटी देकर उनका निवेश कराते थे। ज्यादातर एजेेंट या तो स्थानीय थे या फिर उनकी यहां रिश्तेदारियां थीं। शुरूआती दौर में क्षेत्र के कम ही लोगों ने निवेश किया लेकिन जब उन्हें 40 फीसदी ब्याज मिला तो और लोगों ने भी अपनी जमा पूंजी कंपनी में लगा दी। इसी बीच क्षेत्र से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहीत होने लगी। एक्सप्रेस-वे में जिनकी भूमि गई उन्हें भारी भरकम मुआवजे की राशि मिली। ज्यादातर लोग मुआवजे में मिली अधिकांश राशि का निवेश कंपनी में 40 फीसदी ब्याज मिलने के लालच में कर दिया। मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरियों से रिटायर लोग भी निवेश करने में पीछे नहीं रहे। निवेश करने वालों के अनुसार एजेंट कंपनी का दफ्तर लखनऊ में होने की बात कहते थे। अंत में कंपनी संचालक अजीत गुप्ता को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा।

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