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प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य,2022 तक बेघर लोगों को घर देने की योजना


नई दिल्लीकेंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना  का लक्ष्य देश के सभी लोगों को रहने के लिए घर उपलब्ध कराना है. देश में कोई बेघर न रहे, इसके लिए भारत सरकार ने 2022 तक बेघर लोगों को घर देने की योजना बनाई है. योजना के तहत सरकार बेघर लोगों को घर बनाकर देती है और साथ ही उन्हें सब्सिडी मिलती है जो लोग लोन पर घर या फ्लैट खरीदते हैं. घर खरीदने और उसके निर्माण के लिए पात्र शहरी गरीबों को होम लोन पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी  मिलती है.भारत सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी. योजना को 3 चरणों में बांटा गया है. योजना का पहला चरण जून 2015 में शुरू हुआ, जो मार्च 2017 में खत्म हो गया. दूसरा चरण अप्रैल 2017 से शुरू हुआ और मार्च 2019 में खत्म हो गया. तीसरा और आखिरी चरण अप्रैल 2019 में शुरू किया गया और मार्च 2022 तक खत्म हो जाएगा.प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण के तहत परफारमेंस रैंकिंग में राजस्थान पूरे देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है. एक बयान के अनुसार राज्य में चल रही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण के लिए केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी प्रगति रिपोर्ट अनुसार निष्पादन (परफारमेंस) रैंकिंग में राजस्थान देश में पहले स्थान पहुंच गया है.प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का लाभ पहले सिर्फ गरीब वर्ग के लिए था. लेकिन, अब होम लोन की रकम बढ़ाकर शहरी इलाकों के गरीब और मध्यम वर्ग को भी इसके दायरे में लाया गया है. शुरुआत में पीएमएवाई में होम लोन की रकम 3 से 6 लाख रुपए तक थी, जिस पर ब्याज पर सब्सिडी दी जाती थी, अब इसे 18 लाख रुपए तक कर दिया गया है.योजना का फायदा लेने के लिए आवेदक की उम्र 21 से 55 साल होनी चाहिए. अगर परिवार के मुखिया या आवेदक की उम्र 50 साल से अधिक है, तो उसके प्रमुख कानूनी वारिस को होम लोन में शामिल किया जाएगा. ईडब्ल्यूएस (निम्न आर्थिक वर्ग) के लिए सालाना घरेलू आमदनी 3 लाख रुपए तय है. एलआईजी (कम आय वर्ग) के लिए सालाना आमदनी 3 लाख से 6 लाख के बीच होनी चाहिए. अब 12 और 18 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी वाले लोग भी इसका लाभ उठा सकते हैं.प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6.5 फीसदी की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी सिर्फ छह लाख रुपए तक के लोन पर उपलब्ध है. 12 लाख रुपए तक की सालाना कमाई वाले लोग 9 लाख रुपए तक के लोन पर चार फीसदी ब्याज सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं. वहीं, 18 लाख रुपए तक की सालाना आमदानी वाले लोग 12 लाख रुपए तक के लोन पर तीन फीसदी ब्याज सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं.उदाहरण के लिए, अगर लोन लेने वाले किसी व्यक्ति की सालाना आमदनी 6 लाख रुपए है. ऐसे में लोन की वास्तविक राशि 6 लाख रुपए होगी. इस पर ब्याज दर 9 फीसदी को हिसाब से मासिक किस्त 5,398 रुपए बनेगी. इस तरह 20 सालों में कुल ब्याज 6.95 लाख रुपए देना होगा. 6.50 फीसदी सब्सिडी के हिसाब से आपका ब्याज सब्सिडी के बाद एनपीवी 2.67 लाख रुपए हो जाएगा. यही ब्याज सब्सिडी सरकार लोगों को उपलब्ध करा रही है. इस हिसाब से अगर आपका पीएमएवाई लोन 6 लाख की जगह 3.33 लाख रुपए हो जाता है, जिससे आपका मासिक किस्त घटकर 2,996 रुपए हो जाता है।



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