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जानिए दीवाली पर लक्ष्‍मी पूजा का मुहूर्त

 


दीवाली पर लक्ष्‍मी पूजा का मुहूर्त प्रदोष काल लाभ अमृत और शुभ चौघड़िया और पूजा विधि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली का ये त्योहार खुशियों का त्योहार है। शास्त्रों में दीवाली के दिन किये जाने वाले बहुत से महत्वपूर्ण कार्यों का जिक्र किया गया है, जो हमारी खुशहाली, सुख-सौभाग्य और हमारी आर्थिक तरक्की से जुड़े हुए हैं। आपको बता दें कि राज मार्तण्ड और कालविवेक में दीवाली की रात को सुखरात्रि की संज्ञा दी गई। जानिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के साथ लक्ष्मी यंत्र और कुबेर यंत्र की कैसे करें पूजा।व्यापारियों के लिए और व्यावसायिक संस्थाओं के लिए खाता बसना पूजन प्रदोष काल में तीन गुना होने से बलशाली हो रहा है.। इस साल विशेष बात यह है कि महानिशिथकाल सिंह लग्न और चर चौघड़िया मिलने से अर्धरात्रि वाला मुहूर्त भी तीन गुना बलशाली है। सिंह लग्न में पूजा करने वाले लोगों को ध्यान रखना पड़ेगा कि छठे शनि और आठवें मंगल दान और उपाय करके इस समय पूजा की जा सकती है। इस महानिशिथ काल में रात 11:42 से 1:21 तक चर की चौघड़िया जुड़ जाने से यह काल अत्यंत बलशाली हो जाएगा। रात में 11:42 से 12:08 तक तीनों का बल रहेगा।  

दिवाली तिथि- 14 नवंबर 2020

अभिजीत मुहूर्त: 11:50 से 12:25 तक 

प्रदोष काल-  शाम 5:06 से शाम 7:22 मिनट तक 
वृषभ लग्न- शाम 5:12 मिनट से शाम 7:05 मिनट तक 
लाभ की चौघड़िया -शाम 5:06 मिनट से शाम 6:45 मिनट तक
महानिशिथ काल-  आज रात 11:16 से 12:08 तक
सिंह लग्न- रात 11:40 से शुरू होकर 1:54 तक
सर्वथा शुद्ध मुहूर्त- शाम को 5:12 मिनट से 6:40 मिनट तक
शुभ अमृत और चर चौघडिया- 8:24 मिनट से रात 1:21 मिनट तक

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