एक्सपर्ट्स की मानें तो-साल की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है
नई दिल्ली।एक्सपर्ट्स की मानें तो अगले साल की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है, लेकिन दुनिया के हर शख्स तक वैक्सीन के पहुंचने में चार साल का समय लग सकता है। इसके पीछे की वजह यह है कि कई अमीर देशों ने वैक्सीन की करोड़ों डोज पहले ही बुक करा लिए हैं। ऐसे में कई गरीब देशों की जनता के लिए काफी कम डोज बचेंगी।एडवांस कोरोना वैक्सीन की बुकिंग की बात करें तो भारत ने 1.9 अरब वैक्सीन की डोज बुक करवा ली है। हालांकि, एक शख्स को यदि वैक्सीन की कम से कम दो डोज की जरूरत होती है, तो फिर लगभग 70 करोड़ डोज की कमी पड़ेगी। प्रति शख्स के हिसाब से बुक करवाई गईं सबसे ज्यादा डोज वाले देश की बात करें तो वह कनाडा है। कनाडा पहले से ही अपनी 3.8 करोड़ जनता के लिए लगभग 36 करोड़ डोज बुक करवा चुका है। इस तरह से कनाडा में रहने वाले हर एक व्यक्ति के लिए प्रति नौ डोज होंगी। वहीं, कनाडा की सरकार और 5.6 करोड़ वैक्सीन की डोज बुक कराने की योजना बना रहा है। इस तरह हर एक शख्स के हिस्से में 10 डोज से अधिक वैक्सीन आएंगी।अमेरिका ने भी पहले से सभी लोगों के लिए वैक्सीन की डोज की बुकिंग करवा ली है। अमेरिका अब तक 1.1 बिलियन डोज की बुकिंग करवा चुका है। जनसंख्या के हिसाब से एक अमेरिकी के हिस्से में तीन डोज आएंगे। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी अपने लोगों के लिए वैक्सीन की डोज बुक कराने में काफी आगे हैं। दोनों ही देशों ने अपने एक व्यक्ति के लिए कम से कम पांच डोज की बुकिंग करवा ली है।हाल ही में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा था साल 2024 तक हर किसी व्यक्ति को ही कोरोना की वैक्सीन लगाई जा सकेगी। पूनावाला ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया था कि धरती पर सभी के लिए कोरोना वायरस का टीका मिलने में कम से कम चार-पांच साल लग जाएंगे।दो साल यह देखने में लगेगा संक्रमण में वास्तव कितनी कमी आई है। सरकार से बातचीत के बाद पूनावाला ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि शुरुआत में वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर्स और जोखिम वाले लोगों को दिया जाएगा।
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