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राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की तैयारी में अक्टूबर के पहले सप्ताह से वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान

 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में करीब 59 हजार ग्राम पंचायतें हैं जिनका कार्यकाल आगामी 25 दिसंबर को खत्म हो रहा है। उससे पहले यह चुनाव होने चाहिए थे, लेकिन यह संभव नहीं है। अभी तक वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम शुरू नहीं हुआ। वैसे अब राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारी में जुट गया है। माना जा रहा है सब तैयारी पूरी करने के बाद यूपी में पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल या मई के बीच संभव हो। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। निर्वाचन आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर के पहले सप्ताह से वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान शुरू हो जाएगा। कुछ दिन पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी जे.पी.सिंह ने कहा था कि केन्द्रीय पंचायतीराज अधिनियम में पंचायत चुनावों के लिए जो मानक तय हैं, उनमें प्रत्याशियों की योग्यता तय करने का मामला राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार प्रत्याशियों की योग्यता तय करने की मंशा रखती है तो उसे विधान मण्डल का सत्र बुलाकर इस बाबत विधेयक पारित करवाना होगा। उसके पहले इस बाबत कैबिनेट से प्रस्ताव पारित होगा। उधर, अन्य जानकारों का कहना है कि चूंकि इस विधेयक को विधान सभा और विधान परिषद दोनों सदनों से पारित करवाना होगा। मौजूदा समय में विधान परिषद में सत्तारूढ़ भाजपा के पास बहुमत नहीं है इसलिए दिक्कत पेश आएगी। जब तक अधिवेशन नहीं होता तब तक के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर प्रदेश सरकार अध्यादेश भी ला सकती है। मगर यह अध्यादेश अधिकतम छह महीने के लिए ही होगा। चूंकि पंचायत चुनाव अगले साल की पहली छमाही में होने हैं इसलिए छह महीने के भीतर ही अध्यादेश को कानून का रूप देने के लिए विधानमण्डल से विधेयक पारित करवाना ही होगा। 

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