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चोरी-छिपे परदेस से घर पहुंचने वालों से संक्रमण का खतरा बढ़ा

सुल्तानपुर।  महानगरों से चोरी छिपे आकर घर-घर पहुंचने लगा है। इसीलिए संक्रमित लोगों की संख्या और संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। जनपद में भी गत दिनों हुई तीन मौतों से खतरा भी बढ़ गया है। मृतकों के शव मर्चरी में सुरक्षित है। रक्त नमूने भी लेकर प्रयोगशाला भेजे गये हैं। बस इंतेज़ार है तो उनकी जांच रिपोर्ट का जिससे पता चल जाएगा कि खतरा कितना ज्यादा है फर्जी एम्बुलेंस में बैठकर 17 लोग रविवार की शाम सुल्तानपुर पहुंचे थे। वे धंमौर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। घर से चंद किलोमीटर दूर था, जब अमहट चौराहे पर पता चला कि मनियारपुर निवासी मुबारक अली पुत्र समी उल्ला की मौत हो गयी। सूचना मिली तो अफसर मौके पर पहुंचे। वाहन सीज कर दिया गया, लाश को कब्जे में लेकर मर्चरी में भेजा। और उसके 16 साथियों को क्वारेन्टीन सेंटर। आशंका है कि मुबारक अली की मौत कोविड-19 के वायरस से संक्रमित होने से हुई है। इसीलिए उसके रक्त और नेजल स्वाब के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए है।उधर, हरियाणा से अपने घर बल्दीराय के डेहरियावां निवासी सतवंत पुत्र रामअजोर की मंगलवार सुबह अचानक मृत्यु हो गयी। वह सोमवार शाम रेवाड़ी हरियाणा से किसी साधन से पहले सुल्तानपुर आया। फिर, घर पर फोन करके बाइक मंगवाया और परिजनों के बीच पहुंच गया। बताया जाता है कि जब वह आया तभी तेज बुखार था और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। पहले तो इसे सामान्य मौत समझा जा रहा था लेकिन सारे लक्षण चायनीज वायरस कोरोना संक्रमण के लगे पुलिस को सूचना दी गयी। वहां भी शव को सुरक्षित किया गया और सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। हाई कॉन्टैक्ट रिस्क वाले लोगों की निगरानी की जा रही है।
इसी तरह अखण्डनगर के हरपुर गांव का रहने वाला परिवार मुम्बई से शुक्रवार को ट्रक से चला मध्य प्रदेश में ही नंदलाल पुत्र रामनरेश की मौत हो गयी। बॉडी सहित उनकी पुत्र राहुल, बड़ी पुत्री गीता, दामाद दिनेश, उसके दो बच्चे छोटी बेटी ललिता जौनपुर तक आये। फिर, निजी वाहन से घर को चले।
पुलिस का कहना है कि पता चला तो शव को कलान बॉर्डर पर ही रोका। वहीं से सबको मुख्यालय भेज दिया गया। परिवार वाले क्वारेन्टीन किये गए हैं। सभी तीन शवों से सेम्पलिंग की गई। इंतेज़ार है जांच रिपोर्ट का। उसके बाद ही तय होगा कि परिवार वाले अंतिम संस्कार करेंगे या विशेषज्ञों की देखरेख में उसका निस्तारण किया जाएगा। संक्रमित हुए तो खतरे का अंदाजा लगाना भी मुश्किल होगा, क्योंकि तब कितने लोग संपर्क में आये, ये सब बयानों व कयासों पर ही निर्भर करेगा। लेकिन ये तो तय है कि खतरा खतरनाक होगा। जांच रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा कि व्यक्ति की मौत कैसे हुई है चोरी-छिपे प्रदेश से घर पहुंचने वालों से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है

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