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जीवन में शिक्षण-प्रशिक्षण का अंत नहीं है: अशोक पाण्डा

    सुल्तानपुर, / विद्या भारती शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वाधान में सुल्तानपुर में तीन दिवसीय ’मार्गदर्शन एवम परामर्श’ विषय पर उत्तर क्षेत्र, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर-प्रदेश, राजस्थान, मध्य क्षेत्र, पूर्वोत्तर क्षेत्र एवं पूर्व क्षेत्र के करीब दस प्रशासनिक प्रदेशों के केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यालयों के प्रतिनिधियों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रीय प्रशिक्षक श्री अशोक पांडा ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
     सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, विवेकानंद नगर में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री पांडा ने कहाकि शिक्षण एवं प्रशिक्षण जीवन की प्रकिया है, जिसका अंत नही है। शिक्षण में अनेक प्रकार की समस्याएं आ रही है। उसका निदान हम आसानी से कर सके इसके लिये ही यह कार्यशाला आयोजित है। आज हर क्षेत्र में चुनौती है। शिक्षा के क्षेत्र में अनेक चुनौतियों को कम करना है। हमें इस समस्याओ के समाधन की मानसिकता बनानी होगी।

   इंटरनेशनल डिप्लोमा इन काउंसलिंग एवं गाइडेन्स और झारखण्ड विद्वत परिषद के प्रमुख श्री डी.एन. सिंह ने तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करते हुए कहा कि एक बच्चा जो नाव लेकर नदी में चला गया है और बीच धारा में उसकी नाव टूट जाती है, हमें उसे बचाना है। इसके लिए यदि हम तैयारी सीखें हुए होंगे तभी उसे बचा सकते हैं। इस उदाहरण के साथ श्री सिंह ने कहा कि आज बच्चों पर शिक्षण के साथ अनेक प्रकार के दबाव हैं, जिसके कारण वह तनाव के बाद डिप्रेशन में आकर गलत कदम उठा रहे हैं। हमें उन्हें डिप्रेशन से उबार कर सही रास्ते पर लाने की चुनौती मिल रही है। काउंसलिंग एवं गाइडेन्स का प्रयोग एक तकनीकि कार्य है। उन्होंने गाइडेन्स व काउंसलिग की विस्तार से व्याख्या करते हुए बताया कि हाईस्कूल में पढ़ने वाले बच्चों तथा उनके अभिभावक तक को नहीं पता है कि उन्हें आगे क्या करना है यानी उनका क्या लक्ष्य है। हमें बच्चे की स्थिति को देखकर उसे सही मार्गदर्शन की जरूरत है। दुनिया में आने के साथ ही व्यक्ति को गाइडेन्स की जरूरत पड़ती है और मरने तक वह गाइडेन्स के सहयोग से काम करता है। व्यक्ति की पहली गाइडेन्स मां होती है। 
इसके पहले कार्यक्रम संयोजक एवं प्रधानाचार्य श्री राम सिंह ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराया तथा विद्यालय के वरिष्ठ आचार्यों ने बैच, माला, अंगवस्त्रम, बुके और गीता भेंट कर सम्मान किया। विद्यालय की छात्रा यशस्वी सिंह एवं साथी ने वन्दना व गीत प्रस्तुत किया। संचालन राष्ट्रीय सदस्य मदन मोहन मिश्र ने किया। कार्यशाला में उत्तर-प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखण्ड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाना, बिहार, दिल्ली आदि प्रदेश के केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संचालित विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया

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