प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में विकसित भारत@2047 की अवधारणा पर आधारित विचार गोष्ठी कार्यक्रम का हुआ आयोजन
सुल्तानपुर आयुक्त अयोध्या मण्डल अयोध्या/जनपद नोडल अधिकारी, विकसित भारत, समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047 राजेश कुमार प्रबुद्धजनों दुर्गा चरन मिश्र, सेवानिवृत्त आई.पी.एस. भारत लाल, सेवानिवृत्त आई.एफ.एस. अशोक कनौजिया, सेवानिवृत्त मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, डॉ0 नरेन्द्र प्रताप सिंह, सेवा0 प्रो0 आचार्य नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या, डॉ0 सुशील कुमार सिंह, सेवा0 प्रो0 के.एन.आई. सुलतानपुर, जिलाधिकारी कुमार हर्ष, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक की उपस्थिति में समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान की रूपरेखा पर आधारित विचार गोष्ठी व संवाद कार्यक्रम का आयोजन नवीन सभागार कलेक्ट्रेट में किया गया।
उक्त कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने अतिथिगणों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया । तत्पश्चात विचार गोष्ठी का प्रारम्भ अतिथि प्रबुद्धजन दुर्गा चरन मिश्र, सेवानिवृत्त आई.पी.एस. द्वारा विकसित भारत, समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047 की रूपरेखा व उद्देश्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 2047 तक भारत को कैसे विकसित राज्य बनाया जाय, इस दिशा में आम जनमानस के सुझाव अपेक्षित हैं। सरकार द्वारा विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से सुझाव आमंत्रित किये गये हैं आप सभी क्यूआर कोड को स्कैन कर अपने सुझाव अवश्य दर्ज करायें। उन्होंने कहा कि तीन प्रमुख थीम अर्थशक्ती, सृजनशक्ति, जीवन शक्ति पर आधारित कुल-12 सेक्टर के माध्यम से सुझाव आमंत्रित किये गये हैं। उक्त कार्यशाला के प्रथम चरण में जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा अपने विभाग से संचालित योजनाओं के बारे में संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने-अपने दिये गये। कार्यशाला के द्वितीय चरण में जनपद के व्यवसायियों, उद्यमियों एवं श्रमिक संगठनों, एनजीओ द्वारा अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत किये गये। औद्योगिक संगठन से सम्बन्धित रवीन्द्र त्रिपाठी द्वारा औद्योगिक विकास हेतु जनपद में भूमि की उपलब्धता व विक्रय की दर को आसपास के जनपदों के समान रखने का सुझाव प्रस्तुत किया गया। इसी प्रकार उन्होंने ओ.डी.ओ.पी. उत्पाद के लिये जगह-जगह शो-रूम खोलने हेतु स्थान उपलब्ध कराने का सुझाव प्रस्तुत किया। उन्होंने बैंकों से मिलने वाले ऋण को आसान बनाने की बात कही। व्यापारिक संगठन से सम्बन्धित हिमांशु मालवीय द्वारा शिक्षक संघ से एमएलसी चुने जाने के समान व्यापारिक संगठनों से एमएलसी चुने जाने का सुझाव प्रस्तुत किया गया। उन्होंने जी.एस.टी. दर में सुधार लाने का सुझाव दिया। जिलाध्यक्ष लघु उद्योग भारती ने जीएसटी दर में सुधार लाने, टैक्स रिफंड प्रक्रिया को आसान बनाने, किसी भी उद्यमी के न्यायालय से सम्बन्धित प्रकरण उसी जिले में दायर किये जाय, जहां उसकी स्थापना है। औद्योगिक भूमि हस्तान्तरण की प्रक्रिया को आसान बनाया जाय। डिफेंस यूनिट की स्थापना करने, निवेश मित्र पोर्टल को सरल बनाने, विद्युत कनेक्शन की प्रक्रिया को सरल बनाने आदि से सम्बन्धित सुझाव दिये। इसी प्रकार व्यापारी श्री अभिषेक द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की समस्या, जीएसटी दर में सुधार करने, आलोक द्वारा व्यापारियों को मिलने वाले बैंक ऋण की प्रक्रिया को आसान बनाने, राजेन्द्र द्वारा निर्वाध विद्युत आपूर्ति करने, ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद से सम्बन्धित ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाकर डिजाइन आदि की विविधता को और बेहतर किया जाय, से सम्बन्धित सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि अन्तर्राजीय/अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु टूर प्लान बनाया जाय, जिससे नई-नई तकनीकों से उद्यमी अवगत हो सके। इसी प्रकार अनूप श्रीवास्तव द्वारा औद्योगिक ऋण प्रक्रिया को आसान बनाने तथा वेद प्रकाश सिंह द्वारा मत्स्य पालन में क्लस्टर वेस स्किल डेवेलपमेंट प्रोग्राम चलाने सम्बन्धी सुझाव दिये गये। कार्यक्रम के तृतीय चरण में स्वयं सहायता समूह एवं ऑगनवाड़ी कार्यकत्रियों, कृषकों/पशुपालकों/डेयरी/सहकारिता समूह, एफपीओ समूह के सदस्यों व कृषि विज्ञानियों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वयं सहायता की दीदी किरन जायसवाल विद्युत सखी द्वारा भुगतान हेतु निजी खाते के स्थान पर समूह के खाते द्वारा भुगतान किये जाने की सुविधा प्रदान करने का सुझाव दिया गया। दीदी हेमलता द्वारा मिल्क कलेक्शन, शिवकुमारी उन्नत एग्रो उत्पाद कम्पनी द्वारा धनिया, मैदा, बेसन की पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि से सम्बन्धित सुझाव दिये गये। उन्होंने प्रबुद्धजनों से मार्केट उपलब्ध कराने की बात कही। इसी प्रकार कृषकों/पशुपालकों/डेयरी/सहकारिता समूह, एफपीओ समूह के सदस्यों व कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कार्यक्रम में अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत किये गये। कृषि उप निदेशक रामाश्रय यादव द्वारा कृषक भाईयों को कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया गया। आशुतोष जायसवाल द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने व नवीन तकनीकी अपनाकर उत्पादकता को बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने विपणन हेतु बाजार की समस्या सम्बन्धी सुझाव प्रस्तुत किये। डॉ0 आर.आर. सिंह ने कृषक भाईयों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के उचित मूल्य न मिलने, बाजार की उपलब्धता का आभाव, फूड प्रोसेसिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम न चलाये जाने आदि से सम्बन्धित अपने सुझाव दिये। उन्नति कृषक रामकीरत मिश्र द्वारा आवारा पशुओं से फसल की समस्या, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिये जाने, औषधि की खेती को कार्य योजना में शामिल करने, विपणन सम्बन्धी समस्या को दूर करने का सुझाव दिया। इसी प्रकार सुधा सिंह, शिवपाल सिंह, आर्यन उपाध्याय, संजय सिंह द्वारा सहकारी चीनी मिल गन्ने के मूल्य में वृद्धि, सोसाइटियों को पुर्नजीवित करने आदि से सम्बन्धित सुझाव प्रस्तुत किये। आयुक्त ने उपस्थित सभी उद्यमियों, आम जनमानस द्वारा दिये गये सुझाव की सराहना की गयी। उन्होंने सभी से अपील की कि क्यूआर कोड को स्कैन कर अपने सुझावों को ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करायें। उन्होंने प्रबुद्धजनों सहित उपस्थित सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी उपस्थित प्रबुद्धजनों, व्यापारियों, कृषकों, स्वयं सहायता समूह की दीदियों आदि को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी द्वारा सुझाये गये सभी बिंदुओं को क्यूआर कोड के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज कराया जाए, जिससे विकसित भारत, समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047 के अभियान में आपके सुझावों का बेहतर लाभ लिया जा सके। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी प्रबुद्धजनों व उपस्थित कृषकों, उद्यमियों, स्वयं सहायता समूह की दीदीयो आदि का हार्दिक स्वागत व अभिनन्दन किया गया। उन्होंने सभी से अपील की कि आप सभी अपने-अपने सुझावों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अवश्य दर्ज करायें। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर समस्त सम्बन्धित अधिकारीगण, व्यापारी, उद्यमी, कृषक, स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।
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