अफसरों के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला
लखनऊ यूपी में योगी सरकार ने जिलों की ग्रेडिंग के बाद अब एक और बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश के अफसरों की कार्यकुशलता के आधार पर ग्रेडिंग होगी। शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किस अफसर ने कितना काम किया है। अब उसका मूल्यांकन भी उतनी ही सख्ती से होगा।इसके लिए मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के माध्यम से ग्रेडिंग की व्यवस्था लागू की जा रही है।मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े अपर मुख्य सचिव ने इस संबंध में कार्यकारी आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, पुलिस कप्तान, मंडलायुक्त से लेकर विभागीय प्रमुखों तक सभी अधिकारियों को उनके कामकाज के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा जाएगा।A श्रेणी: जिन्हें 9 से अधिक अंक मिलेंगे।B श्रेणी: जिनके अंक 6 से 8 के बीच होंगे।C श्रेणी: जिन्हें 3 से 6 अंक मिलेंगे।D श्रेणी: जिनके अंक 3 से कम होंगे।यह स्कोरिंग सिस्टम अधिकारियों की जिम्मेदारी नतीजे जनसमस्याओं के निस्तारण और शासन की प्राथमिकताओं के क्रियान्वयन पर आधारित होगी। अधिकारियों की रैंकिंग तय करने का आधार फील्ड विजिट जनशिकायतों की निपटान दर योजनाओं के क्रियान्वयन की गति, वित्तीय व्यय और जनता से संवाद जैसे मानकों को बनाया गया है।मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के जरिए सभी जिलों और विभागों की निगरानी पहले से की जा रही है। अब उसी प्रणाली से व्यक्तिगत स्तर पर अधिकारियों की कार्यशैली की समीक्षा की जाएगी। शासन स्तर पर अलग से ग्रेडिंग अंकों की व्यवस्था भी तैयार की जा रही है।जिससे अफसरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट हर माह या तिमाही आधार पर अपडेट होती रहेगी।योगी सरकार की यह पहल प्रशासनिक प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है।इससे उन अधिकारियों को बढ़ावा मिलेगा जो वास्तव में मेहनत कर रहे हैं। जबकि लापरवाही बरतने वाले अफसरों को चिन्हित किया जा सकेगा। यह फैसला प्रदेश में सुशासन और नतीजों पर आधारित प्रशासनिक प्रणाली की ओर सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह ग्रेडिंग व्यवस्था अधिकारियों के तबादलों पदोन्नति और दंडात्मक कार्रवाइयों में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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