केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए बनेगा रोपवे
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे का ऐलान किया गया है। यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट ने किया है। केदारनाथ धाम की बात करें तो सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे होगा।यह रोपवे 12.9 किलोमीटर का होगा।इसमें 4081 करोड़ रुपया खर्च आएगा।इस रोपवे के जरिए वर्तमान में 8-9 घंटे लगने वाली यात्रा अब केवल 36 मिनट में पूरी होगी। पर्यावरण के अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। चारधाम यात्रा को बढ़ावा।जिससे स्थानीय व्यवसायों को लाभ मिलेगा और क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा।पूरे 6 महीने तीर्थयात्रियों की आवाजाही बनी रहेगी। जिससे शुरुआती दो महीनों में संसाधनों पर अत्यधिक दबाव कम होगा।यात्रा सीजन में रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी। वृद्धजन और दिव्यांगजन के लिए यात्रा को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाएगा।केदारनाथ रोपवे परियोजना उत्तराखंड रोपवे अधिनियम, 2014 के तहत संचालित होगी जो लाइसेंसिंग, संचालन की निगरानी, सुरक्षा और किराया निर्धारण का कानूनी ढांचा प्रदान करता है।वहीं दूसरा प्रोजेक्ट हेमकुंड साहिब का है। इसकी लागत 2730 करोड़ होगी। इस प्रोजेक्ट से हेमकुंड साहिब और वैली ऑफ़ फ्लावर तक की यात्रा की जा सकेगी ।वर्तमान में हेमकुंड साहिब तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है।यह यात्रा पैदल, टट्टू या पालकी के माध्यम से पूरी की जाती है। रोपवे बनने के बाद यात्रा का समय 6-7 घंटे से घटकर मात्र 45 मिनट रह जाएगा।जिससे श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी।रोपवे की कुल यात्री वहन क्षमता 1,100 यात्री प्रति घंटे प्रति दिशा होगी और यह प्रति दिन लगभग 11,000 यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा। इससे श्रद्धालु कम समय में और अधिक आरामदायक यात्रा कर सकेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं