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सुल्तानपुर में शहर से गांव तक बना टापू: सड़क से लेकर लोगों के बेड रूम तक पहुंचा पानी


सुल्तानपुर जिले में शहर से गांव तक बना टापू सड़क से लेकर लोगों के बेड रूम तक पहुंचा पानी ।शुक्रवार दोपहर 11:45 का समय। शहर से 5 किमी दूर भुलकी गांव। दो हजार की आबादी में आधी भीड़ सड़क पर जमा थी। मानो लोग पलयान कर रोड पर उतर आए हों। सड़कों पर तेज धारे के साथ पानी बह रहा था और गांव के अंदर घर चारों ओर से पानी से घिरे थे। ये चौदह घंटे बरसात के बाद का नजारा था। लेकिन रेसक्यू के नाम पर अधिकारी सोते रहे। अयोध्या-प्रयागराज हाइवे  पार कर भुलकी गांव का एरिया शुरू होता है। 

हमारी टीम जैसे ही यहां मेन रोड पर पहुंची पानी लहरों की स्टाइल में बहता दिखा। हाइवे से यही कोई 150 मीटर दूर भुलकी बाजार है, हमारी टीम जब यहां पहुंची तो करीब 500-700 लोग सड़कों की दोनों पटरियों पर जमा थे। बच्चे सड़कों पर बहते पानी में उछल कूद कर चहलकदमी कर रहे थे। कुछ नवजवान हाथों में लाठियां लिए बाईं ओर पुलिया को साफ करते दिखे। इस बीच लोगों ने शिकवे करने शुरू किए। हम लोग इस तरह पानी से घिरे हुए हैं और कोई अधिकारी यहां राहत बचाव कार्य के लिए नहीं आया।यहां हमारी मुलाक़ात गांव निवासी अफरोज नेपाली से हुई, उन्होंने बताया कि हर साल प्रशासन को बताया जाता है कि यहां पर जो पुलिया लगी है वो 6 फुट न होकर 12-16 फुट की पुलिया हो।

जिससे कम से कम गांव का पानी निकल जाए। प्रशासन को बताया जाता है, लेकिन कोई सुनवाई हो नहीं रही है। आज लम सम दो हजार की आबादी  हर घर में लगभग 40-50 का नुकसान हुआ है। सड़क से बीस कदम दूरी पर दाहिने हाथ पर आमिर हसन का परिवार रहता है, उनके घर के अंदर बेड रूम तक पानी घुस गया है। उनकी माता बाहर कुर्सी डालकर बैठी हुई मिली। कहा भईया देख लो ये हालत है, सुबह से खाना नहीं बना है, बच्चे कुछ खाए नहीं है। अनहोनी की डर से बच्चो को छत पर रखा गया है। यहां बकरी और भैस तक पानी में फंसी मिली। आमिर बताते हैं कि रात से जलभराव है। गल्ला सब डूब गया, कपड़े आदि भी डूब गए हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए कुछ भी नहीं आया। यही पर हमारी भेंट गांव निवासी सरफराज से हुई, वे एक प्राइवेट स्कूल के संचालक हैं। सरफराज बताते हैं कि यहां हमेशा की प्रॉब्लम है, जब कस के पानी बरसता है तो कई गांव का पानी आता है। 10-12 गांव का पानी आता है। लेकिन निकासी ऐसा है कि रोड बन गई और पास में पुलिया है, जहां पर पाइप डाल दी गई। अब वो पाइप ब्लॉक हो जाती है तो दस गांव का पानी इकट्ठा होता है तो सबके घर भर रहे हैं। किसी का भुसौला डूब रहा है, किसी के गोरू डूब रहे हैं, किसी का दाना डूब रहा है सब परेशान हैं। हमारे स्कूल की बाउंड्री ढह गई, बगल में एक लोग की मौरंग की दुकान है, उनकी एक लाख की मौरंग बह गई। जब तक मेन निकासी क्लियर नहीं होगी तब तक प्रॉब्लम कभी सॉल्व नहीं होगी। प्रशासन को करना ये होगा यहां दोनों पुलिया से पाइप हटाकर पुलिया 6-6 फीट चौड़ी बने तब मामला हल होगा। यहां पर स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार सूचना दी गई लेकिन कोई देखने तक नहीं आया। लापरवाही ऐसी की हमारी टीम ने स्वयं मौके से एसडीएम सदर को फोन पर सूचना दी, जानकारी करने के बाद भी उनके द्वारा एक घंटे बाद तक किसी को नहीं भेजा गया। हालांकि इस मामले में बात करने पर सीडीओ अंकुर कौशिक ने कहा कि हमें गांव का नाम भेजिए हम इसे देखते हैं। उधर माधवपुर हयातनगर में भी भारी जलभराव पर हमारी टीम ने सम्पर्क किया। गांव निवासी बृजेश उपाध्याय ने बताया कि रात से हो रही तेज बारिश से घर के कमरे कमरे में पानी भर गया। नुकसान काफी हुआ है, लेकिन सूचना पर एसडीएम जयसिंहपुर संतोष कुमार ओझा, तहसीलदार जयसिंहपुर मयंक मिश्र, कानूनगो विनोद तिवारी, एसआई गुलाब पाल दलबल सहित पहुंचे और जल निकासी करा रहे हैं।जयसिंहपुर के सुरौली गांव की स्थिति ये है कि यहां गांव के अंदर चार तालाब हैं। सभी उफान पर हैं, इस कारण आसपास के सभी घर चौतरफा पानी से घिर गए लोग घरों में कैद हैं। अब तक यहां राहत बचाव कार्य शुरू नहीं हो सका है। बात अगर लम्भुआ तहसील क्षेत्र की किया जाए तो यहां भी बारिश ने प्रशासनिक दावो की हवा निकालकर रख दिया है। नगर पंचायत लम्भुआ के अधिकातर वार्ड, राजीपुर, रामपुर कुर्मियान आदि स्थानों पर जलभराव हो गया है। वही भदैया के ऊंचहरा गांव मे इंटरलाकिंग सड़क बरसात में बह गई है। वही शभूगंज से शिवगढ़ मार्ग पर सड़क के ऊपर पानी बह रहा है। हनुमानगंज स्थित कोल्ड स्टोरेज भी डूब गया है। पखरौली के फतेपुर में दीवार गिरने से एक गाय की मौत हुई है जबकि यहां तीन घरों की दीवार गिरी है।अभियाखुर्द में भी दो घर गिरे हैं। केजीबीवी भदैया जलमग्न हुआ है यहां से बलिकाएं घर भेजी जा रहीं हैं। भदैया के सराय अचल गांव के मध्य से होकर गुजरने वाला मुख्य मार्ग बाढ़ से अवरुद्ध हुआ है। गांव वासियों का आपस में संपर्क टूट गया है। बरगदवा मल्हौटी, दहलवा, कुछमुछ, माधवपुर, पूर्वी सराय अचल के लोगों का आवागमन खतरे में है।

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