ITI - साढ़े पांच लाख सीटों के लिए आए चार लाख आवेदन
लखनऊ प्रदेश में औद्योगिकी प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) को अपग्रेड करने की तमाम कवायदों के बाद भी युवाओं का इस तरफ रुझान नहीं बढ़ पा रहा है। हालत यह है कि लगभग एक महीने तक चले रजिस्ट्रेशन के बाद साढ़े पांच लाख सीटों के सापेक्ष 4 लाख ही आवेदन आए हैं। ऐसे में प्रदेश भर में ITI की लगभग डेढ़ लाख सीटें खाली रहेंगी।प्रदेश में युवाओं का कौशल प्रशिक्षण कर उन्हें रोजगार के लायक बनाने के लिए राजकीय व निजी ITI में विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए 10वीं पास विद्यार्थियों के लिए एक व दो साल के कोर्स चलते हैं। प्रदेश की 306 राजकीय व 2905 निजी ITI संस्थानों की साढ़े पांच लाख सीटों में प्रवेश के लिए 10 जुलाई से 4 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इसके तहत लगभग 4 लाख ही आवेदन आए हैं।इसमें भी ढाई लाख आवेदन सरकारी ITI की 1.40 लाख सीटों के सापेक्ष हुए हैं। जबकि निजी ITI के लिए आवेदन की स्थिति काफी खराब है। यहां की लगभग 4 लाख सीटों के सापेक्ष लगभग 84 हजार ही आवेदन आए हैं। ऐसे में निजी ITI में सीटें भरना बड़ी चुनौती होगी। कुल मिलाकर प्रदेश की ITI की डेढ़ लाख सीटें खाली रहेंगी। यह स्थिति तब होगी जब इसकी तरफ काफी फोकस होकर काम किया जा रहा है।राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद की ओर से प्रदेश की 150 ITI को टाटा के साथ मिलकर अपग्रेड किया जा रहा है। वहीं अन्य 60 को भी अपग्रेड करने का प्रस्ताव है। किंतु प्रदेश की 2905 ITI की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही वजह है कि यहां प्रवेश लेने में युवा रुचि नहीं दिखाते हैं। जबकि कई जिलों में तो चालीस-पचास तक निजी ITI संस्थान खुले हुए हैं। अगर इनकी तरफ भी ध्यान दिया जाए तो स्थिति में कुछ बदलाव आ सकता है।ITI में प्रवेश में रुचि न लेने के कुछ और भी कारण हैं। पहला इस बार प्रवेश प्रक्रिया अपेक्षाकृत थोड़ी देर से शुरू हुई है। जबकि पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्रवेश के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग प्रक्रिया चल रही है। प्रवेश को लेकर प्रचार-प्रसार भी ठीक से नहीं किया गया। प्राइवेट ITI में लगभग 20 हजार सालाना शुल्क है तो राजकीय में मात्र 500 रुपये। वहीं राजकीय की अपेक्षा निजी संस्थानों में अपेक्षाकृत सुविधाओं की भी कमी है।ITI से कोर्स करने वाले युवाओं को बेहतर प्लेसमेंट नहीं मिलता है। प्लेसमेंट अपेक्षाकृत कम सैलरी पर होता है। ITI को इंडस्ट्री के साथ जोड़कर, उसके अनुसार युवाओं को तैयार करना होगा। अधिकतर ITI में फिटर, इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, प्लंबर, टर्नर, मशीनिस्ट, मोटर व्हीकल, मोटर मैकेनिक, ड्राफ्टमैन, कंप्यूटर से जुड़े कोर्स, फैशन टेक्नोलॉजी के कोर्स चलते हैं। जबकि कुछ संस्थानों में ड्रोन टेक्नीशियन, फाइनेंस एग्जीक्यूटिव, रेडियोलॉजी टेक्नीशियन, हाउस कीपिंग, हेल्थ सेनेटरी इंस्पेक्टर, प्लास्टिक प्रोसेसिंग ऑपरेटर के भी कोर्स शुरू किए गए हैं। इसकी तरफ युवाओं का रुझान है।
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