ब्रेकिंग न्यूज

रायबरेली, कानपुर ,प्रयागराज , सुलतानपुर , पीलीभीत और मैनपुरी सीटों पर सस्पेंस


BJP ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 51 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बाकी 29 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा सपा, बसपा और कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित होने और सहयोगी दलों को गठबंधन में दी जाने वाली सीटों के निर्णय के बाद हो सकती है। ऐसे में कानपुर, प्रयागराज, रायबरेली, मैनपुरी, गाजियाबाद, सुलतानपुर , पीलीभीत, प्रयागराज, बदायूं और फिरोजाबाद जैसी हॉट सीटों पर सभी राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं के साथ राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें भी लगी हैं।
 मैनपुरी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव से मुकाबले के लिए पार्टी को मजबूत उम्मीदवार की तलाश है।  बदायूं में सपा महासचिव शिवपाल यादव के सामने भी प्रत्याशी नहीं उतारा गया है। यहां से स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य भाजपा की सांसद हैं। पार्टी ने इस सीट को लंबित रखा है।ऐसे में सभी निगाहें हैं कि लगातार स्वामी प्रसाद की सनातन विरोधी बयानबाजी का असर उनकी बेटी के राजनीतिक भविष्य पर पड़ता है या नहीं। फिरोजाबाद में अक्षय यादव को टक्कर देने के लिए भी पार्टी दमदार प्रत्याशी के नाम पर मंथन कर रही है। सुल्तानपुर, रायबरेली, कैसरगंज और बहराइच में BJP ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। मेनका गांधी की सीट सुल्तानपुर पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। कुश्ती संघ से विवादों में आए कैसरगंज के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह का टिकट भी घोषित नहीं किया गया है। इस सीट पर ब्रजभूषण के विधायक बेटे प्रतीक भूषण शरण सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह की गाजियाबाद सीट पर भी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। वीके सिंह इस सीट से दूसरी बार सांसद हैं। उनकी हैट्रिक लगती है या सीट बदलती है इस पर सभी की निगाहें हैं।प्रयागराज से भाजपा की मौजूदा सांसद रीता बहुगुणा जोशी हैं। प्रयागराज से BJP किसी बड़े चेहरे को उतारने पर विचार कर रही है। कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी की सीट पर भी किसी बड़े ब्राह्मण चेहरे को उतारा जा सकता है। कांग्रेस ने अभी रायबरेली सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। BJP ने इस बार रायबरेली सीट पर कमल खिलाने को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया है। ऐसे में पार्टी यहां से कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही अपना पत्ता खोलेगी।पीलीभीत सीट से मौजूदा समय में वरुण गांधी सांसद हैं। इस सीट की पहचान भी मेनका गांधी और वरुण गांधी के नाम से होती है।  इधर करीब दो वर्ष से वह सरकार की विभिन्न नीतियों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते रहे हैं।इसको लेकर राजनीतिक गलियारे में उनके टिकट को लेकर कयास भी लगाए जाते रहे हैं। वहीं पिछले कुछ समय में BJP को लेकर उनकी नरमी ने कुछ और संकेत दिए हैं। ऐसे में चर्चा यह भी रही है कि वरुण गांधी या उनकी मां मेनका गांधी में किसी एक को टिकट मिलेगा।ऐसा होने पर वरुण गांधी की सीट भी बदली जा सकती है। चर्चा सुल्तानपुर की ज्यादा है। अब शनिवार की सूची में उनका नाम न होने से सीट बदले जाने की ही चर्चा ज्यादा है। हालांकि कोई भी इस पर खुल नहीं बोल रहा है।

1 टिप्पणी: